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केंद्र ने SC में कहा, ‘जनगणना कराना केंद्र का अधिकार’

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सोमवार को बिहार में हुए जाति आधारित सर्वेक्षण कराने के राज्य सरकार के फैसले का केंद्र की मोदी सरकार ने विरोध किया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि यह केंद्र का विषय है. गृह मंत्रालय ने कहा, ‘जनगणना एक संघ सूची का विषय है और केवल केंद्र ही 1948 अधिनियम की धारा 3 के तहत जनगणना कर सकता है.’

केंद्र ने यह भी कहा कि जनगणना एक वैधानिक प्रक्रिया है और जनगणना अधिनियम 1948 के तहत शासित होती है. साथ ही केंद्र सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि जनगणना का विषय सातवीं अनुसूची में संघ सूची प्रविष्टि 69 के तहत शामिल है.

राज्य सरकार नहीं करा सकती जनगणना

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में डाले गए अपने हलफनामे में लिखा है, ‘संविधान के तहत या अन्यथा कोई भी निकाय जनगणना या जनगणना जैसी कोई कार्रवाई करने का हकदार नहीं है.’

सरकार के दो पन्नों के हलफनामे में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार भारत के संविधान के प्रावधानों और लागू कानून के अनुसार एससी/एसटी/ओबीसी के उत्थान के लिए सभी सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

केंद्र की प्रतिक्रिया पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आई. जिसने बिहार जाति सर्वेक्षण की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया था.

बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की पहल को पूरी तरह से वैध और कानूनी रूप से सक्षम बताया था और लगभग तीन महीने के बाद रुकी हुई प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया था. जातीय जनगणना का फैसला पिछले साल बिहार कैबिनेट ने लिया था.

(इनपुट-न्यूज)