पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर जेसीआई चिंतित, कहा पत्रकारों के लिए लड़ाई निरंतर रहेगी जारी
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया (रजि0) ने आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हैं हमले और उत्पीड़न को लेकर एक वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया. इन वर्चुअल मीटिंग की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनुराग सक्सेना. करीब साढ़े तीन घंटे तक चली इस मीटिंग का संचालन संगठन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ आर.सी.श्रीवास्तव ने किया.
मीटिंग का संचालन कर रहे संगठन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ आर.सी.श्रीवास्तव सर्वप्रथम ने कहा कि पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमले और उत्पीड़न को कैसे रोका जाए. उन्होंने कहा कि आखिर पत्रकारों की सुरक्षा और स्थानीय पत्रकारों को उनकी पहचान कैसे दिलाई जाए जिससे वह भी निर्भीक होकर सम्मानपूर्वक अपना कार्य कर सकें.
इस मुद्दे पर सबसे पहले बिहार से संयोजक कुणाल भगत ने अपने विचार रखते हुए चिंता व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि बिहार में जी मीडिया एवं अन्य मीडिया घरानों के पत्रकारों के साथ जिस प्रकार से प्रशासन द्वारा अभद्र व्यवहार और धक्का मुक्की की गई, यह लोकतंत्र में पत्रकारिता के लिए काले पन्ने पर अंकित किया जाएगा. आज आवश्यकता है कि पत्रकार अपनी अहमियत को समझे और संगठित होकर सरकार के खिलाफ और व्यवस्था के खिलाफ अपने हक को लेकर लामबंद हो ताकि उसकी आवाज सुनी जाए और उसका हक उन्हें मिल सके.
वरिष्ठ पदाधिकारी सलमान खान ने भी व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों को एक छत के नीचे जेसीआई के सानिध्य में रहकर पत्रकार हितों की मांग बुलंद करने की नसीहत दी.
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इस अवसर पर अपना मत व्यक्त करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज पत्रकारिता अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. लेकिन इसका जितना श्रेय व्यवस्था को जाता है उतना ही श्रेय पत्रकार साथियों को भी जाता है क्योंकि पत्रकार साथियों ने ना तो कभी अपने हितों की सुरक्षा के लिए सोचा है और न ही कभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूती से खड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पत्रकार संगठित होकर अपने हक और हुकूक की लड़ाई लड़े, इसी में हम पत्रकारों की भलाई है.
वरिष्ठ पदाधिकारी, पत्रकार एवं एडवोकेट सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें छोटे बड़े की लड़ाई छोड़कर एक साथ आना चाहिए और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी चाहिए.
वरिष्ठ पदाधिकारी अश्वनी बडगईया ने कहा कि मध्य प्रदेश में संगठन का विस्तार तेजी से किया जा रहा है और जल्द ही इसे पूर्ण कर लिया जाएगा ताकि पूरी ताकत के साथ पत्रकारों की लड़ाई लड़ी जा सके.
वरिष्ठ पत्रकार साथी एवं फतेहपुर के जिला अध्यक्ष शाह आलम वारसी ने कहा कि फतेहपुर में हमारा संगठन बहुत मजबूत है और हम और हमारा संगठन हर समय पत्रकारों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.
वरिष्ठ पत्रकार एवं संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी अशोक झा ने कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरकार को पत्रकारों के हित के लिए सोचना चाहिए.
वरिष्ठ पत्रकार साथी एवं प्रदेश पदाधिकारी नागेंद्र पांडे ने कहा कि संगठन को निरंतर मजबूती हेतु प्रयास किया जा रहा है जिस पर हम लगातार सफल भी हो रहे हैं.
इस प्रकार से कुल मिलाकर सभी पत्रकार साथियों ने पत्रकारों के उत्पीड़न और प्रशासन द्वारा दबाव बनाए जाने को लेकर जहां एक तरफ चिंता व्यक्त किया वहीं दूसरी तरफ अपने हक को लेकर आक्रोशित भी दिखे.
सबका कहना था कि सरकार को क्षेत्रीय पत्रकारों को उनका हक देना चाहिए. साथ ही, पत्रकारों के हित के लिए, पत्रकारिता को लेकर एक अलग कानून बनना चाहिए. देश एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा तो दूसरी तरफ इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी देश के पास पत्रकारों के लिए कोई अलग कानून नहीं है जो बहुत ही चिंता का विषय है. अतः क्षेत्रीय पत्रकारों के हक और अस्तित्व को लेकर लड़ाई जारी रहेगी.
मीटिंग में यह बात भी उठी कि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करवाना और क्षेत्रीय पत्रकारों को पहचान दिलवाने का संकल्प संगठन का मुख्य मुद्दा है. इसके लिए लड़ाई निरंतर जारी रहेगी क्योंकि सरकार कोई भी हो हमारे हितों के लिए हमारी बेहतरी के लिए कोई भी कार्य नहीं करना चाहता. यदि पत्रकारों की मांगे नहीं मानी जाती हैं तो इस लड़ाई को वृहद स्तर पर लाकर लड़ा जाएगा और जब तक सरकार पत्रकार हितों के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी.
इसके बाद संचालक डॉ आर.सी.श्रीवास्तव द्वारा समय अधिक होने का हवाला देते हुए सभी पत्रकार साथियों को धन्यवाद प्रेषित किया.
इस अवसर पर निखिल के डी वर्मा, नागेंद्र पांडेय, सलमान खान, अजय शुक्ला, अशोक झा, दिनेश कुमार, अब्दुल अहद, हरिशंकर परासर, राज लूनिया, विवेक कुमार, संजय राठौर, जागेश्वर फौजी, राजा अवस्थी, मोहम्मद हारुन, शाह आलम वारसी, सचिन श्रीवास्तव, अंकित कुमार, कुणाल भगत, एके राय, श्याम अखत, बी त्रिपाठी, राम जी सक्सेना, नीरज श्रीवास्तव, संजय कुमार सिंह, अश्वनी बडगया, नूर आलम, अजय गुप्ता, अजय शुक्ला, राकेश कुमार यादव, गणेश प्रसाद द्विवेदी, अजय त्रिपाठी, अनय श्रीवास्तव, निर्मित द्विवेदी, राजेश कुमार पांडे, संतोष प्रसाद तिवारी, संजय कुमार,संजय राठौर,दिनेश सिंह सहित लगभग एक सैकड़ा पत्रकार साथी एवं पदाधिकारियों ने सहभागिता की.