पटना अग्निकांड: आखिर इनपर कब लगाम लगाएगी ट्रैफिक पुलिस
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| गुरुवार 25 अप्रैल को राजधानी पटना के पाल होटल और होटल अमृत में लगी आग से 6 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए. यह घटना सुबह करीब 11 बजे की बताई गई है. पाल होटल पटना रेलवे स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर अवस्थित है.
आग की विकरालता इसी से समझी जा सकती है कि आग बुझाने के लिए 5 हाइड्रोलिक क्रेन तथा 60 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को लगाया गया था. तब जाकर लगभग तीन घंटों में आग पर काबू पाया जा सका.
पटना ट्रैफिक पुलिस के लिए शर्म की बात
आग लगने का कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का मौके पर देरी से पहुंचना अपने-आप में पटना ट्रैफिक पुलिस के लिए एक शर्म की बात है. पटना प्रशासन चाहे जो कर ले, लेकिन पटना स्टेशन के आस-पास ऑटो रिक्शा और फुटपाथ पर समान बेचने वालों द्वारा रास्ते को बुरी तरह जाम कर देना, यहां से होकर गुजरने वालों के लिए सितम ढाने जैसा है.
इसे भी पढ़ें – पटना रेलवे स्टेशन के पास 3 होटलों में भीषण आग लगने से 6 की मौत, कई घायल
हम देखते हैं कि जब-तब पटना प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण और रोड जाम करने वालों के खिलाफ सुबह में अभियान चलाया जाता है लेकिन शाम होते होते हालत पहले जैसी हो जाती है. उसपर से पटना मेट्रो का भी काम जोरों पर है. इस तरह कुल मिलाकर पटना की सड़कों पर चलना दूभर है.
ऑटो / टोटो पर कोई नियंत्रण नहीं
खैर, पटना मेट्रो का भी काम तो कुछ महीनों से चल रहा है और कुछ महीनों में पूरा भी हो जाएगा. लेकिन पटना की मुख्य सड़कों पर जाम की समस्या सालों से नासूर की तरह आज भी कायम है. टोटो या ऑटो की बात की जाए तो उनकी मनमानियों ने राजधानी की सभी सड़कों पर चलना दूभर कर दिया है. वे जहां चाहे, बीच सड़क तक पर ऑटो / टोटो रोककर यात्रियों को चढ़ाते उतारते हैं. लेकिन किसकी हिम्मत है कि उन्हें टोके या रोके ? पटना ट्रैफिक पुलिस के लोग तो इनको देखकर भी चुप रहते हैं. हाँ, कभी-कभार इन्हें ऑटो / टोटो पर प्यारपूर्वक डंडा घुमाते देखा जा सकता है.
फुटपाथ पर समान बेचने वालों द्वारा अतिक्रमण
चलिए ये तो हुई ऑटो / टोटो की बात. लेकिन पटना का न्यू मार्केट एरिया, जहां आज भीषण अग्निकांड हुआ, में फुटपाथ पर समान बेचने वालों द्वारा आधे से ज्यादा सड़क पर हमेशा अतिक्रमण किया जाता है. इस कारण चिरैयाटांड़ पुल से स्टेशन रोड होते जीपीओ गोलंबर तक सड़क पर अतिक्रमण से वाहनों का गुजरना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल होता है. ठेले-खोमचे से लेकर ऑटो वालों तक कब्जा रहता है. महावीर मंदिर के आगे न्यू मार्केट की स्थिति तो और भी दयनीय रहती है. यहां प्रशासन द्वारा सुबह में अतिक्रमण हटाने के बाद शाम को दोबारा सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो जाता है.
हालांकि, बुधवार 24 अप्रैल को ही पटना की सड़कों को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए पटना डीएम के निर्देश पर पांच सदस्यीय सेल का गठन किया गया है. इस सेल का मुख्य काम – अतिक्रमण हटाने के साथ ही उस जगह पर दोबारा अतिक्रमण ना हो – यह देखना है. इस सेल में एडीएम (विधि व्यवस्था), सिटी एसपी (विधि व्यवस्था), यातायात एसपी, अपर नगर आयुक्त और सिटी मजिस्ट्रेट शामिल हैं. पटना ट्रैफिक पुलिस द्वारा पटना शहर में कहीं भी जाम की समस्या होने पर ट्रैफिक नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नंबर 94706-30615 पर सूचना देने की अपील भी जारी की गई है.
वैसे तो पटना शहरी क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ जगहों पर अतिक्रमण हटाने के बाद वहां दोबारा अतिक्रमणकारी जम गये हैं. सड़कों के किनारे दुकान लगाने का समय भी जिला प्रशासन की ओर से तय किया गया है, इसके बावजूद अतिक्रमणकारी अतिक्रमण से बाज नहीं आ रहे हैं.
गुरुवार को हुई दुर्घटना में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां थोड़ी देर पहले पहुँच जाती लेकिन अतिक्रमणकारियों के कारण इन्हें मौके पर पहुंचने में ज्यादा समय लगा और काफी नुकसान हो गया. सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) के एक कांस्टेबल, जो त्रासदी के समय पाल होटल में खाना खा रहे थे, ने कहा कि आग लगने के बाद गैस सिलेंडर फटने लगे. उन्होंने कहा कि अगर दमकल की गाड़ियां समय पर मौके पर पहुंच जातीं तो स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था.