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आज से लागू हो गई आदर्श आचार संहिता, जानिए क्या है ये

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए तारीखों का ऐलान होते ही देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है. बता दें, निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के साथ ही यह संहिता लागू हो जाती है और निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक लागू रहती है.

आदर्श आचार संहिता चुनावों के दौरान सभी हितधारकों द्वारा स्वीकार्य नियम है. इसका उद्देश्य प्रचार, मतदान और मतगणना को व्यवस्थित, स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखना और सत्तारूढ़ दलों द्वारा राज्य मशीनरी और वित्त के किसी भी दुरुपयोग को रोकना है. हालांकि, इसे कोई वैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं है.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कई मौकों पर आदर्श आचार संहिता की सुचिता को बरकरार रखा है. आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन की जांच करने और सजा सुनाने के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से अधिकृत है.

आदर्श आचार संहिता की शुरुआत 1960 में हुए केरल विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Elections 1960) से हुई थी. उस समय प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए एक आचार संहिता बनाने की कोशिश की थी. निर्वाचन आयोग के मुताबिक आचार संहिता के मौजूदा स्वरूप पिछले 60 साल के प्रयासों और विकास का नतीजा है.

क्या है यह

चुनाव आयोग के अनुसार, आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है जिसे राजनैतिक दलों की सहमति से ही तैयार किया गया है. राजनैतिक दलों ने उक्‍त संहिता में सन्निहित सिद्धांतों का पालन करने और साथ ही उनकों मानने और उसका अक्षरश: अनुपालन करने के लिए सहमति दी है.

आदर्श आचार संहिता की मुख्‍य विशेषताएं निर्धारित करती हैं कि राजनीतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यथियों और सत्ताधारी दल या दलों को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान कैसा व्‍यवहार करना चाहिए अर्थात् निर्वाचन प्रक्रिया, बैठकें आयोजित करने, शोभायात्राओं, मतदान दिवस गतिविधियों तथा सत्ताधारी दल के कामकाज इत्‍यादि के दौरान उनका सामान्‍य आचरण कैसा होगा.

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्यों के साथ नहीं मिला सकते हैं. साथ ही, निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी तंत्र या कार्मिकों का प्रयोग नहीं कर सकते हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रचार दौरे के साथ आधिकारिक दौरे को मिलाने संबंधी आदर्श आचार संहिता के प्रावधान से प्रधानमंत्री को छूट दी हुई है.

किसी दल या उम्मीदवार के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए विमान, वाहनों इत्‍यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन प्रयोग नहीं किया जा सकता है.

चुनाव कार्यों से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के स्‍थानांतरण और तैनाती पर पूरा प्रतिबंध होता है. यदि किसी अधिकारी का स्‍थानांतरण या तैनाती जरूरी हो तो आयोग की पूर्व-अनुमति ली जाती है.