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राज्य में 21 हजार से अधिक वोटरों की उम्र 100 वर्ष या उससे ज्यादा : चुनाव आयोग

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्य में 21000 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष से ज्यादा है. जी हाँ, यह जानकारी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए बिहार दौरे पर आई चुनाव आयोग (election Commission) की रिपोर्ट से मिली है. युवाओं का राज्य कहे जाने वाले बिहार के बारे में चुनाव आयोग के ताजे आंकड़े यही बताते हैं.

मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा कि चुनाव आयोग बिहार में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव कराने को लेकर पूरी तरह तैयार है. यहां के राजनीतिक दलों ने कई सुझाव दिए हैं. बिहार में 40 सीट हैं. इनमें 34 जनरल और छह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में महिला मतदाताओं (women voters in bihar) की संख्या 2019 के मुकाबले बढ़ी है. उन्होंने राज्य के मतदाताओं से अपील किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें.

बिहार में वोटरों की संख्या

राजीव कुमार ने बताया कि बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.64 करोड़ है. इनमें से 2 करोड़ से अधिक 30 वर्ष से कम आयु के हैं. राज्य के कुल वोटरों में 4 करोड़ पुरुष और 3.6 करोड़ महिला मतदाता हैं.

उन्होंने बताया कि इस बार के लोकसभा चुनाव में 9.26 लाख वोटर्स पहली बार अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे. आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 21,689 वोटरों की उम्र 100 साल से अधिक है. आयोग ने 16.7 लाख मतदाताओं के नाम उनकी मौत या उनका स्थान बदलने के कारण हटा दिए हैं.

राजनीतिक पार्टियों ने रखी अपनी राय

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पार्टियों में आप, बीएसपी, बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई (एम) के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों जेडीयू, आरजेडी, लोजपा, लोजपा-रामविलास, सीपीआई-एमएल के नेताओं से मुलाकात की गई. इन दलों ने अपनी कुछ मांगें रखी हैं.

उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ दलों ने कहा है कि मतदाता सूची से जो नाम हटे हैं उसपर आयोग आश्वस्त हो जाए और सूची में कोई कमी रह गई है तो उसे ठीक कर दिया जाए. इसके अलावा जिन वोटर्स के जो नाम जुड़े हैं उन्हें वोटर कार्ड समय पर पहुंच जाएं.

राजनीतिक पार्टियों की मांग

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों की मांग है कि सभी मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती हो. 72 घंटे से पहले गश्ती बढ़ाई जाए ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा न हो. अगर कोई किसी और की जगह वोट देने आता है तो उनपर कार्रवाई हो और गिरफ्तारी हो.

उन्होंने कहा कि एक पार्टी ने आयोग से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए उन्हें केवल पांच गाड़ियों की इजाजत है. ऐसे में बिहार जैसे बड़े राज्य में प्रचार के लिए और वाहन दिए जाएं. इसके अलावा एक मांग यह की गई है कि ईवीएम को लेकर उन्हें पूरी जानकारी दी जाए तथा पोस्टल बैलट की गिनती समय पर हो.