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ट्रांसजेंडर समुदाय को किनारे कर राज्य का विकास संभव नहीं – राज्यपाल

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Bihar Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने कहा है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को किनारे कर राज्य का विकास संभव नहीं है. उन्होंने यह बात दोस्तानासफर (Dostanasafar) द्वारा आयोजित “ट्रांसजेंडर समुदाय की उच्च शिक्षा” (Seminar on Higher Education of Transgender Community) से संबंधित अधिकारों पर आयोजित एक संगोष्ठी में कही. साथ ही उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के शिक्षा के अधिकारों के लिए शिक्षा विभाग के साथ मिलकर उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया.

बुधवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान के पास स्थित सतरंगी दोस्ताना रेस्ट्रो (Satrangi Dostana Restro, Patna) में “ट्रांसजेंडर समुदाय की उच्च शिक्षा” के अधिकारों पर दोस्तानासफर द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने ट्रांसजेंडर समुदाय के उच्च शिक्षा के अधिकारों के लिए शिक्षा विभाग के साथ मिलकर कदम बढ़ाने के लिए आश्वासन दिया.

ट्रांसजेंडर भी विश्वविद्यालय में कर सकते हैं पढ़ाई

राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग भी आम आदमी की तरह विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकते हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस मामलें में सभी विश्वविद्यालयों प्रशासन से बात कर इसको सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा ऐसी व्यवस्था बनाई जायेगी, जिसके जरिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी आसानी से किसी भी हॉस्टल में अधिकार के साथ रह सकते है. उन्होंने कहा कि यदि हमें राज्य का विकास करना है तो हम ट्रांसजेंडर समुदाय को किनारे नहीं कर सकते.

राज्यपाल से उम्मीद

इस कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रो. रामबचन राय बतौर विशिष्ट अतिथि सह मुख्य वक्ता भी मौजूद थे. प्रो रामबचन राय ने मंडन मिश्रा और शंकराचार्य के मुलाकात के दौरान हुए चर्चाओं को आधार बनाते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के उच्च शिक्षा के विकास के लिए राज्यपाल से आशा व्यक्त की. उन्होंने उम्मीद जताई कि राजभवन की तरफ से ट्रांसजेंडर समुदाय के उच्च शिक्षा विकास के लिए कदम बढ़ाए जाएंगे. उन्होंने पटना में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों पर प्रकाश भी डाला.

इस संगोष्ठी में पटना वूमंस कॉलेज की प्रोफेसर सिस्टर सिलिंन के द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के शिक्षा विकास कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान साइकोलॉजिस्ट प्रोफेसर पूनम सिंह भी उपस्थित रही जिन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के उच्च शिक्षा पर प्रकाश डाला. उन्होंने देश की संस्कृतियों में ट्रांसजेंडर समुदाय की पूर्व स्थितियों को वापस लाने के लिए और उनके सम्मान और गौरव का स्थापित करने के लिए कार्य करने का समाज से आवाहन किया.

ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक प्रतिशत आरक्षण की मांग

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की सलाहकार (Advisor to the Election Commission of India) और दोस्तानासफर की सचिव रेशमा प्रसाद के स्वागत भाषण से हुआ. रेशमा प्रसाद ने राज्यपाल के सामने एक ग्यारह सूत्रीय मांग रखी. इन मांगों में मुख्य रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को विश्वविद्यालयों में नामांकन लेने का अधिकार शामिल है. साथ ही रेशमा के द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई.

हॉस्टलों में ट्रांसजेंडरों को रहने नहीं दिया जाता

अपने स्वागत भाषण में रेशमा प्रसाद ने कहा कि राजधानी पटना के हॉस्टलों में ट्रांसजेंडरों को रहने नहीं दिया जाता है. इसलिए सरकार ऐसी व्यवस्था या कोई नियम बनाए ताकि ट्रांसजेंडर भी हॉस्टल में आसानी से रह सके. उन्होंने कहा, “मैं 17 सालों से अपनी अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही हूं. लंबे समय की लड़ाई के बाद आज कुछ हद तक समाज ने हमें स्वीकार किया है. लेकिन मैं चाहती हूं कि हमारे समुदाय के लोग ऊंच शिक्षा ग्रहण कर अपने पैरों पर खड़े हो ताकि हमारा भी भविष्य अच्छा हो.”

इस कार्यक्रम के मंच का संचालन अनुप्रिया सिंह ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन इंजीनियर कृष्णा ठाकुर के द्वारा हुआ. इस दौरान कृष्ण ठाकुर ने अपने जीवन के संघर्षों और सफलताओं को साझा किया. कार्यक्रम के दौरान ट्रांसजेंडरों के द्वारा राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान गाया गया.