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मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, मिला नया नाम

मुंबई / प्रयागराज (The Bihar Now डेस्क)| महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में इस बार कई साध्वी और साधु अलग-अलग वजहों से चर्चा में हैं. इसी बीच, प्रसिद्ध अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Actress Mamta Kulkarni) ने खुद को साध्वी बताते-बताते अब महामंडलेश्वर बन गई हैं. उन्हें शुक्रवार की शाम किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) की महामंडलेश्वर (Mahamandaleshwar) बनाया गया. इसके साथ ही उनका नाम भी बदलकर ममता नंद गिरि (Mamta Nand Giri) रख दिया गया है. शुक्रवार की दोपहर ममता ने संन्यास की दीक्षा ली और संगम तट (Sangam Beach) पर पिंडदान (Pind-dan) किया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े में पहुंचने के बाद एक्ट्रेस ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से ‘संन्यास’ ले लिया. वहाँ उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. बताया जा रहा है कि ममता ने संगम पर ‘पिंड दान’ की रस्म भी अदा की और उनका राज्याभिषेक समारोह किन्नर अखाड़े में आयोजित किया गया. उन्हें एक नया नाम भी दिया गया, ‘श्री यामाई ममता नंद गिरि.’

फिलहाल, वह स्वामी महेशाद्रानंद गिरि के आश्रम में ठहरी हुई हैं. उन्होंने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात भी की. उनके साथ जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरि भी थीं.

ममता कुलकर्णी ने आचार्य महामंडलेश्वर से महाकुंभ के बारे में चर्चा की और मेले की खूबियों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं. इसके अलावा, उन्होंने संतों का आशीर्वाद लेने के लिए अखाड़ों में भी गईं और गंगा में स्नान किया.

ममता ने एक दिन पहले इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि वह महाकुंभ जा रही हैं. वह 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर स्नान करेंगी.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में ममता गले में रुद्राक्ष की माला और भगवा रंग के कपड़े पहने दिखाई दे रही हैं. इस क्लिप में, ममता को महाकुंभ के अवसर पर 25 साल बाद भारत लौटने के बाद अपने संन्यासी दोस्तों के साथ पोज देते हुए देखा जा सकता है.

इसके अलावा, उन्होंने अपने अगले दस दिनों के कार्यक्रम के बारे में बताया और कहा कि वह काशी विश्वनाथ और अयोध्या में रामलला के दर्शन भी करेंगी. ममता ने यह भी साझा किया कि लंबे समय तक तपस्या के चलते उनके माता-पिता की मृत्यु के समय वह वहां नहीं थीं, इसलिए वह उनका पितृ तर्पण भी करेंगी.

ममता कुलकर्णी ने कहा, “मेरे भारत छोड़ने का कारण आध्यात्मिकता थी. 1996 में मैंने अध्यात्म की ओर रुख किया और उसी समय मेरी गुरु गगन गिरी महाराज से मुलाकात हुई. उनके आने के बाद मुझे अध्यात्म में और रुचि हुई और मेरी तपस्या शुरू हुई. हालांकि, मुझे लगता है कि बॉलीवुड ने मुझे नाम और प्रसिद्धि दोनों दी. इसके बाद मैंने बॉलीवुड छोड़ने का फैसला किया. 2000 से 2012 तक मैंने अपनी तपस्या जारी रखी. मैंने दुबई में कई साल बिताए, जहाँ मैं एक दो बेडरूम के फ्लैट में रही और 12 साल तक अविवाहित रही.”

ममता कुलकर्णी 90 के दशक की सबसे हॉट अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं. लगभग 12 साल तक गुमनाम जीवन बिताने के बाद, जब वह फिर से सामने आईं, तो यह पता चला कि उन्होंने साध्वी बनकर धार्मिक जीवन अपनाया है. खबरें आई थीं कि उन्होंने मेकअप करना भी छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि वह अब आध्यात्म की दुनिया में अपने लिए एक जगह बनाना चाहती हैं. उनके अनुसार, उनका जन्म भगवान के लिए हुआ है.