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बाढ़: नौ दिवसीय श्रीराम कथा अमृत वर्षा का हुआ शुभारंभ

बाढ़ (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| मंगलवार 17 दिसंबर से शुरू होकर नौ दिनों तक चलने वाली श्रीराम कथा अमृत वर्षा का शुभारंभ स्थानीय अनुगह नारायण सिंह महाविद्यालय के मैदान में हुआ. यह आज 17 दिसंबर से शुरू होकर 25 दिसंबर तक रोज दोपहर 2 बजे से पांच बजे शाम तक चलेगी. संत सुधीर महाराज राम कथा का वाचन करेंगे.

संत सुधीर महाराज ने आज श्रीराम कथा कहकर इस नौ दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इससे पहले आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष पंकज ने कथा के लिए पवित्र रामचरित मानस को व्यासपीठ पर रखा. जिसके बाद संत सुधीर महाराज के द्वारा स्वास्तिक पाठ द्वारा मंच और मंदिर का पूजन किया गया. आयोजन समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार चुन्ना ने व्यासपीठ का पूजन किया.

मुख्य अतिथि शनिधाम मंदिर के शिवमुनि उदासीन महाराज, डॉ वीपी सिंह, डॉ सियाराम सिंह, पूर्व प्राध्यापक एवं प्राचार्य प्रोफेसर नरेन्द्र दूबे, नगर परिषद अध्यक्ष संजय कुमार उर्फ गाय माता, उपाध्यक्ष लीला देवी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ऋचा सिंह, जदयू के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह, जदयू के जिलाध्यक्ष अशोक प्रियदर्शी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अंजेश कुमार तथा कौशल आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

उसके बाद गोपी, विपुल,अजीत,अनिल प्रियदर्शी, डॉ प्रियरंजन, राणा मुरारी, उमाशंकर ओम, पूर्व प्रधानाचार्य सत्येन्द्र सिंह, गांधी एवं कई गणमान्य लोगों ने संत सुधीर महाराज के चरणों में माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र पाठक एवं लक्ष्मी लक्ष्य ने किया.

आज की कथा में संत महाराज ने श्री राम कथा के महात्म्य तथा शिव सती प्रसंग को सुनाया. संत सुधीर महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा सुनने के लिए मन निर्मल होना चाहिए. कथा पंडाल में अहंकार और लोभ जैसे दो जूतों को पंडाल के बाहर रख कर आना चाहिए. कथा मनन और सुनने के लिए बुद्धि और संशय नहीं बल्कि भक्ति और विश्वास की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भगवान तर्क से नहीं, भक्ति से मिलते हैं. भगवान परीक्षा का नहीं, जिज्ञासा का विषय है. भक्ति करने लिए भगवत कृपा होनी चाहिए. महाराज ने कहा कि भगवान राम की कृपा के लिए मन में विश्वास होना चाहिए, संशय तो अविश्वास को जन्म देता है.

आज पूरे राम कथा के दौरान वहाँ उपस्थित भक्त भक्ति और संगीत मय रामकथा में आनन्द से सराबोर होकर झूमते नजर आए. शाम में कथा के अंत में मंगलमय आरती के बाद कार्यक्रम का समापन हो गया. श्रीराम कथा का वाचन बुधवार 25 दिसम्बर तक चलेगा.