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पाक संचालित ‘गजवा-ए-हिंद’ मामला: एनआईए ने बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश में 5 स्थानों पर छापे मारे

पटना / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान स्थित संदिग्धों द्वारा चलाए जा रहे कट्टरपंथी मॉड्यूल ‘गज़वा-ए-हिंद’ (Ghazwa-e-Hind’, a radicalized module being run by Pakistan-based suspects) के संबंध में रविवार को बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पांच स्थानों पर छापेमारी की.

एजेंसी ने बिहार के दरभंगा में एक और पटना में दो, सूरत (गुजरात) में एक और बरेली (उत्तर प्रदेश) में एक जगह पर तलाशी ली. ये छापेमारी तीन राज्यों में इन संदिग्धों के परिसरों पर की गई.

एनआईए ने कहा कि छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड), सिम कार्ड और दस्तावेजों सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई.

बता दें, यह मामला बिहार पुलिस द्वारा पटना जिले के फुलवारीशरीफ इलाके के मरगूब अहमद दानिश उर्फ ​​ताहिर की गिरफ्तारी के बाद सामने लाया गया था, पिछले साल 14 जुलाई को इस मामले को पुलिस ने दर्ज किया था. उसके बाद एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और पिछले साल 22 जुलाई को इस केस को फिर से दर्ज किया. इस साल 6 जनवरी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत मरगूब पर आरोप पत्र दायर किया गया.

एनआईए ने बताया कि आरोपी को ग़ज़वा-ए-हिंद मॉड्यूल का सदस्य पाया गया, जो पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया गया था. इसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र पर ग़ज़वा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था.

एनआईए की जांच से पता चला कि मरगूब एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘गज़वा-ए-हिंद’ का एडमिन था, जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था. एनआईए ने कहा, “मरगूब ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश में स्लीपर सेल स्थापित करने के उद्देश्य से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को समूह में जोड़ा था.”

एनआईए के अनुसार, आरोपी ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर पर ‘गज़वा-ए-हिंद’ के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप बनाया था. “उसने ‘बीडी ग़ज़वा ए हिंदबीडी’ के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और इसमें बांग्लादेशी नागरिकों को जोड़ा था.” एनआईए ने बताया कि आगे की जांच से पता चला कि मामले में शामिल विभिन्न संदिग्ध पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के विचार का प्रचार करने में शामिल थे. एजेंसी ने कहा, “मामले में आगे की एनआईए जांच जारी है.”