Big Newsदुर्घटनाफीचर

यह भ्रष्टाचार से समझौता नहीं, तो क्या है : सुशील मोदी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बिहार सरकार से भागलपुर में अगुवानी पुल हादसे (Aguwani bridge accident in Bhagalpur) की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में किसी की भी जिम्मेदारी और सजा तय किये बिना पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है. यह भ्रष्टाचार से समझौता नहीं, तो क्या है?

बता दें, लगभग एक महीने पहले 4 जून को यह पुल ढह गया था, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे.

मोदी ने कहा है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि बिहार की जनता को सच पता चल सके कि क्या हुआ. मोदी ने कहा है कि जनता को दुर्घटना का कारण जानने और यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो.

उन्होंने सरकार की जांच के तरीके पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि यह धीमी और अपारदर्शी रही है. उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है और कहा है कि राज्य सरकार की अपनी जांच निष्पक्ष होने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि पुल हादसे के बाद पथ निर्माण विभाग के अवर मुख्य सचिव के नेतृत्व में जो जांच शुरु हुई थी, वह कहाँ तक पहुँची, यह भी कोई बताने को तैयार नहीं.

सरकार ने कहा है कि वह गहन जांच के लिए प्रतिबद्ध है और रिपोर्ट पूरी होने के बाद इसे सार्वजनिक किया जाएगा. हालांकि, मोदी ने कहा है कि सरकार को रिपोर्ट जारी करने में देरी नहीं करनी चाहिए और बिहार के लोगों को यह जानने का हक है कि क्या हुआ.

उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर घटना है जिससे बहुत नुकसान और पीड़ा हुई है. उन्होंने कहा कि पुल का डिजाइन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मोदी ने कहा कि पुल का हिस्सा ढहने के बाद जिस उप-मुख्य अभियंता को परियोजना से हटाया गया था, उसे पुल निर्माण निगम का प्रबंध निदेशक क्यों बना दिया गया?

उन्होंने कहा कि पिछले साल अगुवानी पुल का पाया धंसने की पहली घटना के बाद जिस कार्यपालक अभियंता को हटाया गया था, उसे पांच जून को दोबारा पुल का हिस्सा ढहने के बाद वापस बुला कर नया सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर क्यों बनाया गया? मोदी ने यह भी पूछा है कि आइआइटी-रुड़की की विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट का क्या हुआ? उस पर क्या कार्रवाई हुई?

मोदी ने कहा कि 1710 करोड़ से बनने वाले जिस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था, वह बनने से पहले दो बार ढह गया, लेकिन किसी की भी जिम्मेदारी और सजा तय किये बिना पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है. यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं, तो क्या है? मोदी ने यह भी कहा है कि पुल हादसे के बाद लगभग महीने -भर में क्या जाँच-पड़ताल और कार्रवाई हुई, इस पर नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए.