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मध्य प्रदेश में इन जगहों पर शराब पर प्रतिबंध, 1 अप्रैल से लागू होगी नई नीति

भोपाल (The Bihar Now डेस्क)| मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने शुक्रवार को 17 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.

जिन धार्मिक स्थलों पर शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, वे विभिन्न जिलों में स्थित हैं, जिनमें उज्जैन में महाकालेश्वर (Mahakaleshwar), ओरछा (राजा राम का मंदिर), अमरकंटक (नर्मदा नदी के तट पर), सतना जिले में चित्रकूट (Chitrakoot, Satna) और अन्य शामिल हैं.

इस संबंध में निर्णय होल्कर राजवंश की 18वीं सदी की शासक अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) की 300वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में खरगोन जिले के महेश्वर (Maheshwar) में आयोजित एक विशेष कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया. महेश्वर होलकर राजवंश (Holkar dynasty) का राज्य था.

मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आज महेश्वर में आयोजित एक विशेष कैबिनेट बैठक में राज्य के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर शराब पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया.”

1 अप्रैल से लागू होगी नई नीति

नई शराब नीति (new liquor policy) 1 अप्रैल से लागू की जाएगी. इस आंशिक प्रतिबंध (partial ban) के साथ, मध्य प्रदेश केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) लक्षद्वीप के साथ ड्राइ राज्यों – गुजरात, बिहार, नागालैंड और मिजोरम में शामिल हो गया. इसके साथ ही इन धार्मिक स्थलों पर संचालित करीब 50 शराब की दुकानें स्थायी रूप से बंद हो जाएंगी, जिससे सरकार को 450 करोड़ रुपये तक के उत्पाद शुल्क राजस्व का नुकसान होगा.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उत्पाद शुल्क राजस्व 15,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. शराबबंदी से उत्पाद राजस्व के नुकसान पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सरकार के पास राजस्व के कई अन्य संसाधन हैं और नुकसान की भरपाई वहीं से की जायेगी.

यादव ने मीडिया को बताया, “जब मामला जनहित और धार्मिक आस्था से जुड़ा हो तो ऐसे फैसले और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. सरकार के पास कई अन्य राजस्व संसाधन हैं और मुझे विश्वास है कि नुकसान की भरपाई हो जाएगी.”

शराबबंदी एक राजनीतिक हथियार

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश बीजेपी के भीतर शराबबंदी एक राजनीतिक हथियार रहा है. पूर्व सीएम उमा भारती सहित (former CM Uma Bharti) भगवा नेता अक्सर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने में अनिच्छा दिखाने के लिए अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. पिछले साल भारती ने भोपाल में शराब की दुकानों पर पथराव भी किया था और स्कूलों और धार्मिक स्थलों के पास चल रही शराब की दुकानों का विरोध भी किया था.

दिलचस्प बात यह है कि भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर (former Bhopal MP Pragya Thakur) ने भी राज्य में शराब की बिक्री के खिलाफ आवाज उठाई थी.