न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली बने Patna High Court के 45वें CJ
. गुवाहाटी हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश बने न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार
. पांच हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति, केंद्र सरकार ने लगाई मुहर
. न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की पटना हाईकोर्ट में वापसी, झारखंड को मिला नया चीफ जस्टिस
पटना (The Bihar Now डेस्क)| देश की न्यायपालिका में बड़ा फेरबदल करते हुए केंद्र सरकार ने देश के पांच हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी है. इनमें पटना, गुवाहाटी, झारखंड, कर्नाटक और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट शामिल हैं.
पटना हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है. न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली, जो कि गुजरात हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर आए थे, अब पटना हाईकोर्ट के 45वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. उन्होंने 24 जुलाई 2023 को पटना हाईकोर्ट में जज के रूप में शपथ ली थी और वर्तमान में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे.
न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार का गुवाहाटी हाईकोर्ट में नया दायित्व
पटना हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार को अब गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. उनकी यह नियुक्ति पूर्वोत्तर भारत में न्यायिक नेतृत्व को नई दिशा प्रदान करेगी.
झारखंड और अन्य हाईकोर्ट में भी नए चीफ जस्टिस
केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय ने हाल ही में पांच हाईकोर्ट के लिए नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है. इसमें मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, गुवाहाटी और पटना हाईकोर्ट शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति त्रिलोक सिंह चौहान को झारखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की पटना हाईकोर्ट में वापसी
पटना हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट स्थानांतरित हुए न्यायमूर्ति सुधीर सिंह को एक बार फिर पटना हाईकोर्ट में वापस लाया गया है. उनकी यह वापसी बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि उनके अनुभव से कोर्ट की कार्यवाही को और गति मिलेगी.
केंद्र सरकार की मंजूरी
केंद्र सरकार ने इन सभी नियुक्तियों पर अपनी मुहर लगाकर देश की न्यायिक व्यवस्था को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस अदला-बदली के साथ न्यायिक प्रशासनिक ढांचे में संतुलन लाने की कोशिश की गई है. ये बदलाव न केवल न्यायपालिका के कार्य में गति लाएंगे, बल्कि न्यायिक फैसलों की गुणवत्ता और समयबद्धता में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है.