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जहानाबाद जेल में कैदी ने की आत्महत्या, परिवार और ग्रामीणों में आक्रोश

> काको मंडल कारा में दुखद घटना,
> युवक ने फंदा लगाकर दी जान,
> शराब मामले में था बंदी,
> पोस्टमार्टम के लिए शव पीएमसीएच भेजा गया.

जहानाबाद (The Bihar Now डेस्क)| जिले में एक दुखद घटना सामने आई है. काको मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी ने शुक्रवार देर रात फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. मृतक की पहचान उज्जवल कुमार (26 वर्ष) के रूप में हुई है, जो कल्पा थाना क्षेत्र के गुआपाकड गांव के निवासी और अखिलेश यादव के बेटे थे.

इस घटना ने न केवल जेल प्रशासन को हिलाकर रख दिया, बल्कि मृतक के परिवार और स्थानीय ग्रामीणों में भी गुस्सा और दुख का माहौल पैदा कर दिया.

क्या थी घटना?

पुलिस और जेल प्रशासन के अनुसार, उज्जवल कुमार को शराब से संबंधित एक मामले में 18 सितंबर को जहानाबाद उत्पाद कोर्ट-2 में आत्मसमर्पण करने के बाद काको मंडल कारा में भेजा गया था. शुक्रवार रात करीब 12 बजे, उन्होंने जेल के एक बाथरूम में गमछे से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि जब उनकी मृत्यु हुई, उनकी जीभ बाहर निकली हुई थी, मुंह से लार बह रही थी, और गर्दन एक तरफ झुकी हुई थी. इस घटना के बाद जेल में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया.

परिवार और ग्रामीणों में आक्रोश

जैसे ही यह खबर गुआपाकड गांव में मृतक के परिजनों और ग्रामीणों तक पहुंची, वहां गुस्से और शोक का माहौल बन गया. परिजनों ने इस घटना पर कई सवाल उठाए, लेकिन जेल प्रशासन और पुलिस की ओर से अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत कुमार ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला जेल प्रशासन के अंतर्गत आता है, क्योंकि उज्जवल को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था.

जेल प्रशासन की प्रतिक्रिया

शनिवार को काको मंडल कारा के काराधीक्षक अजीत कुमार ने इस आत्महत्या की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि उज्जवल का शव पोस्टमार्टम के लिए शनिवार सुबह पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) भेजा गया. वहां तीन फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया. इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, और पुलिस इसकी गहन जांच कर रही है.

मामले का पृष्ठभूमि

जानकारी के अनुसार, उज्जवल कुमार के खिलाफ कल्पा थाने में कांड संख्या 627/20 दर्ज था. इस मामले में उन्होंने 18 सितंबर को जहानाबाद उत्पाद कोर्ट-2 में आत्मसमर्पण किया था. उसी दिन शाम करीब 7 बजे उन्हें काको मंडल कारा में स्थानांतरित किया गया. अगले दिन, 19 सितंबर की रात, उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया.

कानूनी कार्रवाई और जांच

जेल प्रशासन और पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उज्जवल ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. जेल में सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों की मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया है.