शुरू से ही विशेष सत्र की मांग कर रहे थे – औवेसी
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी (AIMIM MP Asaduddin Owaisi) ने संसद के विशेष सत्र और सत्र के एजेंडे की अटकलों पर मीडिया में अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा है कि वे शुरू से ही संसद के विशेष सत्र की मांग कर रहे थे.
औवेसी ने संसद के विशेष सत्र के बारे में अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि इस विशेष सत्र में चार एजेंडे शामिल किये जा सकते हैं. पहला एजेंडा चीन से संबंधित हो सकता है. उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है. चीन डेपसांग और डेमचोक को छोड़ नहीं रहा है. जब वे एक विशेष सत्र बुला रहे हैं, तो हमें उम्मीद है कि पीएम चीन पर चर्चा की अनुमति देंगे.
उन्होंने कहा कि रोहिणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. इसलिए हमारी मांग है कि मोदी सरकार विशेष सत्र में एक विधेयक लाए ताकि 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ा जा सके. बता दें, रोहिणी आयोग का गठन ओबीसी सब-केटेगरी के परीक्षण के लिए किया गया था. इस आयोग को ये तीन काम करने थे – ओबीसी के अंदर अलग-अलग जातियों और समुदायों को आरक्षण का लाभ कितने असमान तरीके से मिल रहा है इसकी जांच करना; ओबीसी के बंटवारे के लिए तरीका, आधार और मानदंड तय करना; तथा ओबीसी के उपवर्गों में बांटने के लिए उनकी पहचान करना.
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औवेसी ने संसद के विशेष सत्र में तीसरी मांग की है कि इसरो वैज्ञानिकों और नीरज चोपड़ा को संसद में आमंत्रित किया जाए और सम्मानित किया जाए. इसरो के वैज्ञानिकों ने चांद पर चंद्रयान-3 भेजकर देश का नाम पूरे विश्व में रौशन किया है. वहीं नीरज चोपड़ा ने 88.17 मीटर भाला फेंककर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.
औवेसी ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के बारे में जो अटकलें हैं, वह नहीं नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि यह भारत के संविधान के खिलाफ होगा क्योंकि संघवाद भारत की मूल संरचना का एक हिस्सा है. राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है. साथ ही विपक्ष शासित कई राज्य भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे…हमारी मांग है कि मोदी सरकार अभी से ही देश को बता दे कि शीतकालीन सत्र कब होगा…”