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अश्विनी का नीतीश को डिप्टी PM बनाने वाला बयान; सूबे की सियासत में भूचाल, JDU ने ठोंकी ताल

बक्सर (The Bihar Now डेस्क)| बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले एक नया सियासी तड़का लग गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘डिप्टी पीएम मैटेरियल’ बताते हुए राजनीतिक गलियारों में चर्चा का तूफान खड़ा कर दिया है.

उनका यह बयान बक्सर में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान आया, जब पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस के करीबी माने जा रहे सांसद पप्पू यादव की टिप्पणी पर सवाल पूछा.

चौबे ने पप्पू के सवाल को नजरअंदाज करते हुए कहा कि “नीतीश कुमार लंबे समय तक एनडीए के संयोजक रहे हैं. उन्हें अगर उप-प्रधानमंत्री बनाया जाता है, तो यह बिहार के लिए गौरव का क्षण होगा. यह सम्मान जगजीवन राम के बाद दूसरी बार बिहार को मिलेगा.”

गौरतलब है कि अश्विनी चौबे कुछ समय पहले नीतीश के बेटे निशांत कुमार को भी ‘सीएम मैटेरियल’ कह चुके हैं. उनके ताजा बयान को लेकर सियासी समीकरणों को लेकर कयास तेज हो गए हैं.

हालांकि, जेडीयू ने पलटवार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 30 मार्च वाले बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने साफ कहा था कि “2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.” पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने चौबे के बयान पर सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि “कौन क्या कहता है, यह उनका निजी मत है.”

जेडीयू नेताओं ने दावा किया कि नीतीश को जनता उम्मीद की निगाहों से देखती है, और एनडीए के सभी घटक दल—चाहे वो भाजपा हो, लोजपा हो या रालोमो—इस बात से भली-भांति परिचित हैं.

इस सियासी उठापटक के बीच, गुरुवार सुबह नीतीश कुमार अपने कुछ विश्वस्त मंत्रियों—विजय चौधरी और अशोक चौधरी से मिलने उनके आवास पहुंचे. साथ ही, उन्होंने अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार से भी मुलाकात की. यह मीटिंग उस समय में हुई जब वक्फ कानून को लेकर जेडीयू की सेकुलर राजनीति पर विपक्ष हमला बोल रहा है. खुद जेडीयू के अल्पसंख्यक चेहरों में भी हलचल है.

मंत्री अशोक चौधरी ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा, “नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ रहते हुए भी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की जिस तरह से रक्षा की है, वह देश के किसी भी नेता के लिए मिसाल है. जेडीयू को किसी मौलाना की जरूरत नहीं.”