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सुरक्षा मानकों का पालन करने की शर्तों पर ऑटो-रिक्शा को स्कूल ले जाने की मिली अनुमति

पटना (The Bihar Now डेस्क)| पटना के स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों को एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है. अब छात्रों को स्कूल ले जाने और लाने के लिए ऑटो रिक्शा का उपयोग फिर से संभव हो सकेगा, लेकिन इसके लिए कुछ खास नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा. वहीं, ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल ले जाने की अनुमति अभी भी नहीं दी गई है, उस पर पूर्ववत प्रतिबंध जारी रहेगा.

यह निर्णय मंगलवार को ट्रैफिक विभाग और ऑटो संघ के बीच हुई वार्ता के बाद लिया गया. एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार के साथ इस बैठक में यह सहमति बनी कि जो ऑटो चालक सुरक्षा मानकों का पालन करेंगे, उन्हें चरणबद्ध तरीके से स्कूल ड्यूटी की अनुमति दी जाएगी.

ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि अभिभावकों की समस्याओं और ऑटो यूनियन की मांगों को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने इस विषय पर नरम रुख अपनाया है. इसी के तहत ऑटो चालकों को कुछ शर्तों के साथ स्कूल ड्यूटी की छूट दी जा रही है, लेकिन उन्हें समयसीमा के भीतर अपने वाहनों में जरूरी बदलाव करने होंगे.

बता दें कि पहले अप्रैल की शुरुआत में पुलिस मुख्यालय द्वारा एक आदेश जारी कर ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों की ढुलाई पर रोक लगा दी गई थी. इसका मुख्य कारण सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाएं थीं. इस फैसले से एक ओर ऑटो चालकों में नाराजगी थी, तो दूसरी ओर माता-पिता भी बच्चों के सुरक्षित परिवहन को लेकर चिंतित हो गए थे.

पटना में बड़ी संख्या में छात्र ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल आते-जाते हैं. ऑटो यूनियन द्वारा इस प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठाने पर ट्रैफिक विभाग ने पहले ही नौ अप्रैल तक किसी भी ऑटो चालक पर कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया था.

मंगलवार को हुई औपचारिक बैठक में यह तय किया गया कि जिन ऑटो रिक्शा में सुरक्षा मानकों को पूरा किया जाएगा, उन्हें स्कूली बच्चों की ढुलाई की अनुमति दी जाएगी. इनमें प्रमुख नियम यह होंगे कि:

  • एक मई 2025 तक ऑटो के एक तरफ गेट को स्थायी रूप से बंद करना होगा.
  • ऑटो में निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठाना होगा.
  • हर ऑटो पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखा होना अनिवार्य होगा.
  • एक जून 2025 तक सभी ऑटो में जीपीएस सिस्टम, स्पीडोमीटर, और अन्य सुरक्षा उपकरण लगाने होंगे.

हालांकि ई-रिक्शा से बच्चों को लाने और ले जाने पर अब भी पूरी तरह से रोक बरकरार रहेगी क्योंकि वह अधिक सुरक्षित नहीं माने गए हैं.

इस निर्णय से अब अभिभावकों की परेशानी कुछ हद तक कम होगी और ऑटो चालकों को भी नियमानुसार काम करने का अवसर मिलेगा. ट्रैफिक विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी वाहन में तय मापदंडों का उल्लंघन पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.