RJD सांसद से मिले Amit Shah, बंद कमरे में इस मुद्दे पर हुई बात
पटना / नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| इस साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. एनडीए गठबंधन में शामिल दलों के नेता हर रोज अपनी कमजोरियों को ठीक करने और रणनीति को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि चुनाव में कोई कमी न रह जाए.
दूसरी तरफ, महागठबंधन के दो बड़े दलों के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है. दोनों पार्टियों के बीच एकजुटता नहीं दिख रही, जिससे उनकी तैयारियों पर असर पड़ता दिख रहा है. इस बीच, बीजेपी के बड़े नेताओं में से एक, अमित शाह, चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए 29 मार्च को बिहार आने वाले हैं. लेकिन उनके बिहार पहुंचने से पहले ही लालू यादव की पार्टी राजद के सांसद सुधाकर सिंह ने दिल्ली में उनसे मुलाकात कर ली.
सुधाकर सिंह ने इस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया पर बताया. उन्होंने इंस्टाग्राम (Instagram) पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें कहा कि उन्होंने नई दिल्ली के संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर बिहार में कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दों पर लंबी बातचीत की.
राजद का एनडीए सरकार पर हमला तेज
बिहार में हाल ही में हुई कई आपराधिक घटनाओं और बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर राजद लगातार एनडीए सरकार पर हमला बोल रही है. लालू यादव, तेजस्वी यादव और बिहार कांग्रेस के नेता बार-बार सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर राज्य में शांति और सुरक्षा क्यों नहीं है. तेजस्वी यादव तो हर दो-तीन दिन में सोशल मीडिया पर बिहार में हो रही वारदातों की लिस्ट शेयर कर रहे हैं और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.
अमित शाह से की शिकायत
सुधाकर सिंह ने अमित शाह से मुलाकात में बिहार की खराब होती कानून-व्यवस्था का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि राज्य में अपराध बढ़ता जा रहा है, लोग डर के साये में जी रहे हैं और समाज में अशांति फैल रही है. इसके अलावा, उन्होंने भ्रष्टाचार की समस्या पर भी रोशनी डाली और कहा कि प्रशासन को और पारदर्शी बनाने की जरूरत है ताकि लोगों का भरोसा बना रहे.
विपक्ष का सरकार पर हमला जारी
बिहार विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ 6 से 7 महीने का समय बचा है. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल राजद कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर एनडीए सरकार पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश कर रही है. वे इस मुद्दे को चुनाव में बड़ा हथियार बनाना चाहते हैं और सरकार की नाकामी को जनता के सामने लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.