लालू-कांग्रेस शासन में बूथ लूट और हिंसा आम थी, जनसंघ अध्यक्ष का राहुल पर करारा प्रहार
> डॉ. भारतभूषण ने की इंडी गठबंधन की यात्रा पर आलोचना, बोले- ‘लालू-कांग्रेस के शासन में रक्तरंजित होते थे चुनाव’
> राहुल गांधी के बयान को बताया संविधान पर प्रहार, निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण का जनसंघ ने किया समर्थन
आरा (The Bihar Now डेस्क)| अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य डॉ. भारतभूषण पाण्डेय ने इंडी गठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस और राजद के शासनकाल को कठघरे में खड़ा किया है. आरा में जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के शासन में बिहार में चुनावी प्रक्रिया हिंसा और अराजकता का पर्याय थी. उस दौर में बूथ लूट, मतपत्र फाड़ने, मतपेटियों को छीनने और हिंसक घटनाएं आम थीं.
डॉ. पाण्डेय ने कहा कि उस समय गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने से रोका जाता था. यहां तक कि राजधानी पटना में बुजुर्ग और शांतिप्रिय नागरिकों को भी वोट डालने से पहले मारपीट कर भगा दिया जाता था. उस दौर की यादें आज भी लोगों के मन में भय पैदा करती हैं.
उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में चुनावी प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आए. शेषन ने संवैधानिक मर्यादाओं के भीतर रहकर निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किए, भले ही उस समय कई राजनीतिक दलों ने उनका विरोध किया था.
डॉ. पाण्डेय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि वह निर्वाचन आयोग से नहीं डरते और शपथपत्र नहीं देंगे, की कड़ी निंदा की. उन्होंने इसे संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा हमला करार दिया. जनसंघ अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ऐसी अराजकतावादी राजनीति का पुरजोर विरोध करती है और निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का पूर्ण समर्थन करती है.
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे योग्य मतदाताओं के नाम जोड़ने और मृत, विस्थापित, दोहरे पंजीकरण वाले या विदेशी व्यक्तियों के नाम हटाने में आयोग का सहयोग करें. यह कदम न केवल लोकतंत्र को मजबूत करेगा, बल्कि निष्पक्ष चुनावों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल होगा.