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बेगूसराय: पत्नी की बेवफाई, टूटे रिश्ते और तनाव ने छीनी नीतीश की जिंदगी

बेगूसराय (The Bihar Now डेस्क)| एक दिल दहलाने वाली घटना ने बेगूसराय के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजौरा गांव को स्तब्ध कर दिया. 32 वर्षीय नीतीश कुमार ने अपने घर से करीब एक किलोमीटर दूर एक कुएं में कूदकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इस दुखद घटना के पीछे उनकी 10 साल की शादी में आई दरार, बच्चे की अधूरी ख्वाहिश और पत्नी द्वारा की गई चोरी और अपमान को बताया जा रहा है. इस हादसे ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है.

टूटता रिश्ता और बच्चे की अधूरी इच्छा

नीतीश कुमार की शादी 10 साल पहले वीरपुर प्रखंड के मैदा वभनगामा गांव की विभा कुमारी के साथ हुई थी. लेकिन दंपती को बच्चा नहीं हुआ, जिसके कारण दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया. नीतीश के चाचा अशोक चौधरी ने बताया कि नीतीश इलाज के लिए तैयार था, लेकिन दंपती ने कभी डॉक्टर से सलाह नहीं ली. यह स्पष्ट नहीं हो सका कि समस्या नीतीश में थी या विभा में. बच्चे की कमी और बार-बार के झगड़ों ने उनके रिश्ते को कमजोर कर दिया, जिसका अंत बेहद दर्दनाक रहा.

पत्नी का मायके जाना और चोरी का आरोप

लगभग छह महीने पहले, विभा अपने मायके चली गईं और अपने साथ 50 ग्राम से अधिक सोने के गहने, नकदी और अन्य सामान ले गईं. नीतीश ने उन्हें मनाने की कोशिश की और कई बार उनके मायके गया, लेकिन विभा ने न केवल वापस आने से इनकार किया, बल्कि नीतीश की बाइक भी छीन ली. इस अपमान और आर्थिक नुकसान ने नीतीश को मानसिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया. चाचा अशोक के अनुसार, नीतीश स्वभाव से मिलनसार और हंसमुख था, लेकिन पत्नी के इस व्यवहार ने उसे गहरे अवसाद में धकेल दिया.

दुखद अंत: कुएं में कूदकर दी जान

घटना के दिन, स्थानीय लोगों ने नीतीश को कुएं में कूदते हुए देखा और तुरंत उसे बाहर निकाला. उसे बेगूसराय के सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस हादसे ने न केवल नीतीश के परिवार, बल्कि पूरे गांव को गमगीन कर दिया. यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों में संवाद की कमी के गंभीर परिणामों की ओर इशारा करती है.

पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई

मुफस्सिल थाना के थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार ने बताया कि नीतीश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं. थानाध्यक्ष ने कहा कि परिजनों की शिकायत के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस घटना ने न केवल नीतीश के परिवार, बल्कि पूरे राजौरा गांव को गहरे दुख में डुबो दिया है.

समाज के लिए सबक

नीतीश की कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि रिश्तों में संवाद और विश्वास कितना जरूरी है. मानसिक तनाव और अवसाद को समय रहते पहचानना और उसका इलाज कराना बेहद जरूरी है. इस घटना ने पूरे समाज को यह संदेश दिया है कि हमें एक-दूसरे का सहारा बनना चाहिए और मुश्किल वक्त में साथ देना चाहिए.