Big NewsPoliticsकाम की खबरफीचर

भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता, तनाव में कमी की दिशा में बड़ा कदम

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की पुष्टि,
दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई महत्वपूर्ण बातचीत,
12 मई को अगली बैठक,
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव में राहत की उम्मीद,
विदेश मंत्री जयशंकर और पाक डिप्टी पीएम इशाक
दार ने की शांति की वकालत,
अमेरिका ने भी सराहा
.

नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की पुष्टि की.

मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया और दोनों पक्षों ने 17:00 बजे IST से जमीन, समुद्र और हवा में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई. इस समझौते को लागू करने के लिए दोनों देशों ने अपने-अपने सैन्य बलों को निर्देश जारी किए हैं.

डीजीएमओ स्तर की बातचीत: शांति की ओर पहला कदम

विदेश सचिव मिस्री ने बताया, “आज दोपहर 15:35 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया. दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि 17:00 बजे भारतीय मानक समय से जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोका जाएगा.” उन्होंने आगे कहा कि इस समझौते को लागू करने के लिए दोनों पक्षों ने तत्काल प्रभाव से निर्देश जारी किए हैं. साथ ही, 12 मई को दोपहर 12:00 बजे डीजीएमओ स्तर पर अगली बातचीत निर्धारित की गई है, जो शांति प्रक्रिया को और मजबूत करेगी.

पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाइयों का खुलासा

शनिवार को प्रेस ब्रीफिंग में मिस्री ने पाकिस्तान की हालिया कार्रवाइयों को “उकसावेपूर्ण” और “तनाव बढ़ाने वाला” करार दिया. उन्होंने सबूतों के साथ पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश किया. मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान की कार्रवाइयां उकसावे और तनाव को बढ़ाने वाली थीं. इसके जवाब में भारत ने जिम्मेदार और संयमित तरीके से अपनी रक्षा की.”

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया ने विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ढांचे, नियंत्रण रेखा (एलओसी), अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और 26 से अधिक स्थानों को निशाना बनाया था.

भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का समझौता किया है. भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ अपनी दृढ़ और अटल नीति पर कायम है और आगे भी रहेगा.”

पाकिस्तान की ओर से भी शांति की बात

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक दार ने भी युद्धविराम की पुष्टि करते हुए कहा, “पाकिस्तान और भारत ने तत्काल प्रभाव से युद्धविराम पर सहमति जताई है. पाकिस्तान हमेशा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयासरत रहा है, बिना अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए.”

अमेरिका की मध्यस्थता और सराहना

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस समझौते की घोषणा करते हुए कहा कि दोनों देशों ने एक तटस्थ स्थान पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई है. उन्होंने बताया, “पिछले 48 घंटों में, उपराष्ट्रपति वेंस और मैंने भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री जयशंकर, सेना प्रमुख आसिम मुनीर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और आसिम मलिक से बात की.” रुबियो ने दोनों देशों के नेताओं की दूरदर्शिता और शांति के रास्ते को चुनने के लिए उनकी प्रशंसा की.

ऑपरेशन सिंदूर: तनाव की शुरुआत

इससे पहले, 2 मई को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसके बाद पाकिस्तान ने तोपखाने और ड्रोनों के जरिए कई उकसावेपूर्ण कार्रवाइयां कीं, जिससे तनाव और बढ़ गया.

आगे की राह: शांति और स्थिरता की उम्मीद

यह युद्धविराम समझौता न केवल दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी एक नई उम्मीद जगाता है. दोनों देशों के नेताओं और सेनाओं की इस पहल को वैश्विक समुदाय ने भी सराहा है. हालांकि, अब देखना दिलचस्प होगा कि इस युद्धविराम के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कितनी गर्मजोशी लौटती है.