बिहार की मिट्टी का कर्ज चुकाने का समय – लांडे
पटना (The Bihar Now डेस्क)| पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे (Shivdeep Wamanrao Lande), जिन्हें ‘सुपर कॉप’ और ‘सिंघम’ जैसे नामों से भी जाना जाता है, शुक्रवार को राजधानी पटना में मीडिया के सामने अपनी पत्नी डॉ. ममता के साथ नजर आए. इस मौके पर उन्होंने ‘रन फॉर सेल्फ’ अभियान के बैनर तले अपनी नई पारी की शुरुआत करने का ऐलान किया और ‘कनेक्ट विद शिवदीप‘’’ नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया.
आईपीएस से इस्तीफे के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए
गौरतलब है कि जब शिवदीप लांडे पूर्णिया में आईजी पद पर थे, तो उन्होंने 19 सितंबर को सोशल मीडिया के जरिए अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी, जिससे बिहार में उनके प्रशंसकों और आम जनता के बीच हैरानी फैल गई थी. इस्तीफे के बाद यह पहली बार था जब वे पटना में मीडिया के सामने आए. इस दौरान उन्होंने बिहार के विकास के लिए अगले दस साल की योजना साझा की और ‘कनेक्ट विद शिवदीप’ नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया, जिसे बिहार के युवाओं ने विकसित किया है.
न किसी विचारधारा से प्रभावित, न किसी से जुड़ने का इरादा
मीडिया से बातचीत के दौरान लांडे ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित नहीं हैं और फिलहाल किसी पार्टी या संगठन के साथ जुड़कर काम करने की उनकी कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा में रहते हुए उनका जीवन पूरी तरह से ‘खाकी’ के प्रति समर्पित रहा और वर्दी छोड़ने के बावजूद यह हमेशा उनके दिल में रहेगा.
बिहार की मिट्टी का कर्ज चुकाने का समय
पत्रकारों से बात करते हुए शिवदीप लांडे ने कहा कि भले ही उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ हो, लेकिन उनकी असली पहचान बिहार ने ही बनाई. बिहार की जनता ने उन्हें बहुत प्यार और सम्मान दिया है, इसलिए अब उनकी प्राथमिकता बिहार की सेवा करना है. उन्होंने बताया कि जब वे मुंगेर में पदस्थ थे, तब हजारों लोग उनसे संपर्क करना चाहते थे, लेकिन प्रशासनिक मर्यादाओं की वजह से वे ऐसा नहीं कर पाते थे. इसी समस्या का समाधान करने के लिए ‘कनेक्ट विद शिवदीप’ एप लॉन्च किया गया है, जिससे वे सीधे जनता से जुड़ सकें.
‘कनेक्ट विद शिवदीप’ एप लॉन्च
शिवदीप लांडे ने ‘कनेक्ट विद शिवदीप’ एप को लॉन्च करते हुए बताया कि जो लोग बिहार की स्थिति को सुधारना चाहते हैं और सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, वे इस एप के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकते हैं. यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसके जरिए वे युवाओं और जागरूक नागरिकों से सीधे जुड़कर बिहार की बेहतरी के लिए काम करेंगे. उन्होंने यह भी साफ किया कि इस पहल के पीछे कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है, बल्कि मकसद केवल बिहार को आगे बढ़ाना है.
इसलिए छोड़ी आईपीएस की नौकरी
अपने आईपीएस करियर को छोड़ने के कारण पर बात करते हुए शिवदीप लांडे ने कहा कि पुलिस सेवा में आने का उनका सपना पूरा करने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया था और 18 साल तक इस पद पर रहते हुए पूरी ईमानदारी से काम किया. उन्होंने न्याय की लड़ाई लड़ी और समाज की सेवा की, लेकिन कहीं न कहीं वे यह महसूस कर रहे थे कि जिस तरह से वे बिहार के लिए काम करना चाहते थे, वह पुलिस सेवा में रहते हुए संभव नहीं हो पा रहा था. इसलिए, उन्होंने इस नौकरी को छोड़ने का कठिन निर्णय लिया ताकि वे अपनी पूरी ऊर्जा बिहार के विकास में लगा सकें.
बिहार को अगले 10 सालों में बदलने का संकल्प
लांडे ने कहा कि अब उनकी जिंदगी का उद्देश्य बिहार के लोगों के लिए काम करना है. अगले दस सालों में बिहार को एक नई दिशा देने की उनकी स्पष्ट योजना है, जिससे यहां के युवाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों में प्रतिभा और मेहनत की कोई कमी नहीं है, लेकिन फिर भी राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में पिछड़ा हुआ है. वे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझेंगे और उनके समाधान के लिए काम करेंगे.
रन फॉर सेल्फ अभियान
शिवदीप लांडे ने ‘रन फॉर सेल्फ’ अभियान की शुरुआत करने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि अगर वे खुद में बदलाव लाना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनना होगा. उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत हर जिले में 20 किलोमीटर की ‘रन फॉर सेल्फ’ दौड़ का आयोजन किया जाएगा. इसकी शुरुआत मुंगेर से होगी, जहां से उनका आईपीएस करियर शुरू हुआ था.
उन्होंने कहा कि बिहार के नए युवा वर्ग को अगले दस वर्षों के लिए तैयार करना है, ताकि वे न केवल खुद को बेहतर बना सकें बल्कि बिहार के विकास में भी योगदान दे सकें.

