CPI(M) का बिहार में बीजेपी के खिलाफ एकजुटता का आह्वान
मदुरै में सीपीआई(एम) ने RSS-नियंत्रित बीजेपी को हराने का दिया नारा,
20 मई की अखिल भारतीय हड़ताल को महागठबंधन का पूर्ण समर्थन,
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ बिहार में मजबूत विरोध
पटना (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| राजधानी पटना के जमाल रोड स्थित सीपीआई(एम) के राज्य कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के महासचिव कॉमरेड एम.ए. बेबी ने बिहार विधानसभा चुनावों और पार्टी की रणनीति पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस अवसर पर पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड अशोक धावले, राज्य सचिव ललन चौधरी, केंद्रीय कमिटी सदस्य अवधेश कुमार और विधायक दल के नेता अजय कुमार भी उपस्थित थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में मदुरै में आयोजित सीपीआई(एम) की 24वीं पार्टी कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा नियंत्रित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और इसके सहयोगियों को हराने के लिए देशभर में वामपंथी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों की सबसे व्यापक एकता स्थापित करने का आह्वान किया है.
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव इस आह्वान की पहली और महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होंगे. सीपीआई(एम) ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बिहार का महागठबंधन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पहले से ही एकजुट और गंभीर तैयारियां कर रहा है.
कॉमरेड बेबी ने जोर देकर कहा कि पार्टी का ध्यान न केवल बीजेपी को परास्त करने पर है, बल्कि सीपीआई(एम) और अन्य वामपंथी व लोकतांत्रिक ताकतों की ताकत और प्रभाव को भी कई गुना बढ़ाने पर केंद्रित है.
बिहार में ठोस रणनीति
कॉमरेड एम.ए. बेबी और कॉमरेड अशोक धावले के मार्गदर्शन में आज बिहार राज्य सचिवमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उपरोक्त दोनों लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ठोस और प्रभावी निर्णय लिए गए. सीपीआई(एम) ने बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश करने की रणनीति तैयार की है. इसके साथ ही, पार्टी ने अपने संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने के लिए व्यापक अभियान चलाने का संकल्प लिया.
20 मई की हड़ताल को ऐतिहास आयाम देने की अपील
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 20 मई, 2025 को प्रस्तावित अखिल भारतीय आम हड़ताल और ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल को अभूतपूर्व रूप से सफल बनाने के आह्वान का स्वागत किया गया. यह हड़ताल मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट-समर्थक नीतियों के खिलाफ एक सशक्त विरोध का प्रतीक होगी.
बिहार के महागठबंधन ने इस हड़ताल को पूरे दिल से समर्थन देने का ऐलान किया है, जिसे सीपीआई(एम) ने एक स्वागत योग्य और प्रेरणादायक कदम बताया.
कॉमरेड अशोक धावले ने कहा, “20 मई की हड़ताल न केवल मजदूरों और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक ढांचे को बचाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. बिहार में सीपीआई(एम) और महागठबंधन मिलकर इसे ऐतिहासिक सफलता दिलाएंगे.”