सुप्रीम कोर्ट में EVM खुला, हारा उम्मीदवार जीता; तेजस्वी का नीतीश-BJP पर हमला
> हरियाणा के सरपंच चुनाव में EVM गिनती ने उजागर की सच्चाई
> तेजस्वी यादव ने उठाया लोकतंत्र पर सवाल, BJP और नीतीश पर लगाए गंभीर आरोप
> सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोबारा गिनती में बदला नतीजा, मोहित कुमार बने सरपंच
पटना (The Bihar Now डेस्क)| बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections) से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) ने हरियाणा (Haryana) के एक सरपंच चुनाव को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है. इस मामले ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं. हरियाणा के पानीपत जिले में हुए एक सरपंच चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर EVM की दोबारा गिनती कराई गई, जिसमें हारा हुआ उम्मीदवार जीत गया.
इस घटना ने न केवल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए, बल्कि केंद्र और बिहार की NDA सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. तेजस्वी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए नीतीश कुमार और BJP पर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.
तेजस्वी का तीखा हमला: EVM पर सवाल, लोकतंत्र पर खतरा
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक अखबार की खबर साझा करते हुए लिखा, “हरियाणा के एक पंचायत चुनाव में EVM की गिनती में धांधली का खुलासा हुआ. एक बूथ में हारे हुए उम्मीदवार को जबरन हरा दिया गया. वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां वीडियोग्राफी के साथ दोबारा गिनती हुई. नतीजा? हारा हुआ उम्मीदवार जीत गया, लेकिन EVM की गड़बड़ी की वजह से तीन साल तक कोई और फर्जी सरपंच रहा.” तेजस्वी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का भी जिक्र किया, जहां कोर्ट ने BJP की जीत को खारिज कर दिया था.
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “BJP ने वीडियो रिकॉर्डिंग के नियम बदल दिए. अब 45 दिन बाद चुनाव आयोग गिनती का वीडियो नहीं देगा. जब साक्ष्य ही नष्ट कर दिए जाएंगे, तो कोर्ट में क्या सबूत पेश होगा? यह लोग लोकतंत्र के खिलाफ हैं. बिहार, जो लोकतंत्र की जन्मस्थली है, वहां हम संविधान और लोकतंत्र को कुचलने नहीं देंगे.”
क्या है पूरा मामला?
यह मामला हरियाणा के पानीपत जिले (Panipat district) के बुआना लाखू ग्राम पंचायत (Buana Lakhu Gram Panchayat) के 2022 के सरपंच चुनाव से जुड़ा है. इस चुनाव में कुलदीप सिंह को विजेता घोषित किया गया था. लेकिन हारे हुए उम्मीदवार मोहित कुमार ने नतीजों को चुनौती दी. उनकी याचिका पर न्यायाधिकरण ने 22 अप्रैल, 2025 को बूथ नंबर 69 की दोबारा गिनती का आदेश दिया. हालांकि, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 1 जुलाई, 2025 को इस आदेश को रद्द कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला
मोहित कुमार ने हार नहीं मानी और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने EVM की दोबारा गिनती का आदेश दिया, जिसे वीडियोग्राफी के साथ रजिस्ट्रार की निगरानी में पूरा किया गया. दोनों उम्मीदवारों की मौजूदगी में हुई इस गिनती में चौंकाने वाला नतीजा सामने आया. कुल 3,767 वोटों में से मोहित कुमार को 1,051 वोट मिले, जबकि कुलदीप सिंह को केवल 1,000 वोट. इस तरह मोहित कुमार को विजेता घोषित किया गया.
लोकतंत्र के लिए सबक
यह मामला EVM की विश्वसनीयता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाता है. तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र पर खतरे की घंटी बताते हुए जनता से सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है. उन्होंने कहा, “हमारे संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें एकजुट होना होगा.