Big Newsअन्य राज्यों से

इस अस्पताल में रक्त चढ़ाने के बाद बच्चों को HIV!

चाईबासा (The Bihar Now डेस्क)| झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में एक सरकारी अस्पताल (Chaibasa Sadar Hospital HIV Case) से दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है जो मेडिकल लापरवाही का गंभीर मामला (Jharkhand Medical Negligence 2025) बताया जा रहा है.

इस अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित (Thalassemia Children HIV) पांच बच्चों को रक्त चढ़ाने के बाद HIV पॉजिटिव पाया गया है. इनमें एक सात साल का बच्चा भी शामिल है. इस घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है और स्वास्थ्य विभाग में गुस्सा और दहशत का माहौल है.

चाईबासा सदर अस्पताल में क्या हुआ?

यह मामला शुक्रवार को तब सामने आया, जब एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक से उसे HIV से दूषित रक्त चढ़ाया गया. शनिवार को रांची से आई एक उच्चस्तरीय मेडिकल टीम ने जांच शुरू की, जिसमें चार और बच्चों के HIV पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. ये सभी बच्चे नियमित रूप से इसी अस्पताल में रक्त चढ़वाने आते थे. इस खबर ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है.

ब्लड बैंक में मिली खामियां

जांच के लिए रांची से आई टीम में डॉ. शिप्रा दास, डॉ. एसएस पासवान, डॉ. भगत, जिला सिविल सर्जन डॉ. सुषांतो कुमार माझी, डॉ. शिवचरण हंसदा और डॉ. मिनु कुमारी शामिल थे. इस टीम ने ब्लड बैंक और बच्चों के गहन चिकित्सा इकाई (PICU) का दौरा किया. शुरुआती जांच में ब्लड बैंक में कई खामियां पाई गईं, जैसे रक्त नमूनों की जांच में लापरवाही, रिकॉर्ड रखरखाव में गड़बड़ी और सुरक्षा नियमों का पालन न करना.

इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है. जिला सिविल सर्जन डॉ. सुषांतो कुमार माझी ने कहा, “हम पूरी गहराई से जांच कर रहे हैं कि यह संक्रमण कैसे फैला. हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि HIV सिर्फ रक्त चढ़ाने से ही हुआ. यह दूषित सुइयों या अन्य कारणों से भी हो सकता है.”

अस्पताल का ब्लड बैंक इमरजेंसी मोड में

फिलहाल, चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक (West Singhbhum Blood Bank) को इमरजेंसी मोड में रखा गया है. अगले कुछ दिनों तक यह केवल गंभीर मामलों के लिए ही रक्त उपलब्ध कराएगा. स्वास्थ्य विभाग ने उन सभी रक्तदाताओं का पता लगाने का निर्देश दिया है, जिनका रक्त इन बच्चों को चढ़ाया गया था, ताकि आगे की रोकथाम की जा सके.

परिवार और स्थानीय लोग नाराज, हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

पहले बच्चे के परिवार ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से शिकायत दर्ज कर जवाबदेही और न्याय की मांग की है. मांझारी जिला परिषद के सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने दावा किया कि यह घटना “निजी दुश्मनी” का नतीजा हो सकती है. उनके मुताबिक, ब्लड बैंक के एक कर्मचारी और बच्चे के रिश्तेदार के बीच एक साल से कोर्ट में विवाद चल रहा है. इस बीच, झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court HIV Case) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है और राज्य स्वास्थ्य सचिव व जिला सिविल सर्जन से रिपोर्ट मांगी है.

पश्चिमी सिंहभूम में HIV और थैलेसीमिया की स्थिति

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी सिंहभूम जिले में वर्तमान में 515 HIV पॉजिटिव मरीज और 56 थैलेसीमिया रोगी हैं. इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.