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Trump-Putin Talks: अलास्का में अहम मुलाकात, यूक्रेन युद्ध पर चर्चा बेनतीजा

अलास्का (The Bihar Now डेस्क)| अलास्का (Alaska) के बर्फीले शहर एंकरेज में शुक्रवार को विश्व की नजरें टिकी थीं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए एक अहम शिखर बैठक की. यह मुलाकात तीन घंटे तक चली, जिसमें दोनों नेताओं ने गंभीर और गहन चर्चा की. हालांकि, इस बैठक में कोई ठोस समझौता नहीं हो सका, लेकिन दोनों ने इसे ‘फलदायी’ और ‘परस्पर सम्मानजनक’ करार दिया.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “कोई समझौता तब तक नहीं होगा, जब तक पूरा समझौता न हो.” उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन कई महत्वपूर्ण बिंदु अभी भी अनसुलझे हैं. वहीं, पुतिन ने इस वार्ता को ‘गहन और उपयोगी’ बताया.

उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए ईमानदार है, लेकिन उसकी ‘वैध चिंताओं’ को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. पुतिन ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी ‘उकसावे या साजिश’ से शांति की प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है.

ऐतिहासिक स्वागत और बैठक का माहौल

यह मुलाकात अलास्का के एंकरेज में हुई, जहां दोनों नेताओं ने अपने शीर्ष सलाहकारों के साथ हिस्सा लिया. ट्रंप के साथ सीनेटर मार्को रूबियो और अन्य अधिकारी मौजूद थे, जबकि पुतिन के साथ रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव और आर्थिक सलाहकार किरिल दिमित्रिएव शामिल थे.

खास बात यह रही कि पुतिन का स्वागत अमेरिका में B-2 बॉम्बर के साथ किया गया. जैसे ही पुतिन रेड कार्पेट पर उतरे, ट्रंप ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया. इससे पहले, ट्रंप ने करीब आधा घंटा विमान में इंतजार कर पुतिन के आगमन का सम्मान जताया.

पुतिन की चेतावनी और रूस की मांगें

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने पत्रकारों के सवालों से दूरी बनाए रखी. पुतिन ने उम्मीद जताई कि कीव और यूरोपीय देश इस वार्ता को रचनात्मक रूप से लेंगे और कोई बाधा नहीं डालेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन का मुद्दा रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और वैश्विक सुरक्षा संतुलन के लिए जरूरी है.

रूस पहले भी मांग कर चुका है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा छोड़ दे और अपने पूर्वी क्षेत्रों को रूस के हवाले कर दे. हालांकि, यूक्रेन ने इन मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है और शांति समझौते में अपनी सुरक्षा की गारंटी की मांग की है.

ट्रंप का दावा और भविष्य की संभावनाएं

ट्रंप ने दावा किया कि उनका पुतिन के साथ पुराना और अच्छा रिश्ता है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह 24 घंटे में शांति ला सकते हैं. हालांकि, पुतिन ने अभी तक किसी समझौते के संकेत नहीं दिए हैं. ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि यदि पुतिन युद्धविराम के लिए तैयार नहीं हुए, तो “गंभीर परिणाम” भुगतने पड़ सकते हैं. बैठक के अंत में पुतिन ने मुस्कुराते हुए अंग्रेजी में कहा, “अगली बार मॉस्को में.”

ऐतिहासिक संदर्भ और आलोचनाएं

यह बैठक इसलिए भी खास थी क्योंकि 1867 में अमेरिका ने अलास्का को रूस से खरीदा था. ट्रंप और पुतिन के बीच पहले भी कई मुलाकातें हो चुकी हैं. 2018 में उनकी एक बैठक के बाद ट्रंप को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बजाय पुतिन के बयानों को तरजीह दी थी.

शांति की राह: अब भी अनिश्चितता

यह मुलाकात भले ही ऐतिहासिक रही हो, लेकिन यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का रोडमैप अभी तक साफ नहीं है. ट्रंप और पुतिन दोनों ने भविष्य में सहयोग की उम्मीद जताई है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच गहरे मतभेद और जटिल मांगें शांति की राह को मुश्किल बना रही हैं. विश्व अब इस बात का इंतजार कर रहा है कि क्या यह मुलाकात शांति की दिशा में एक कदम साबित होगी या यह एक और अधूरी कोशिश बनकर रह जाएगी.