रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में क्यों शामिल नहीं होंगे चारों शंकराचार्य
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ (Shankaracharya of Jyotish Peeth in Uttarakhand) के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने कहा है कि हिंदूओं के धार्मिक गुरु, रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (Ram Lalla’s ‘Pran Pratishtha’) के भव्य समारोह में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के नियमों का उल्लंघन है.
उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सभी चार ‘शंकराचार्य’ (प्रमुख हिंदू मंदिरों के प्रमुख) 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे.
शंकराचार्य कौन हैं?
शंकराचार्य उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath in Uttarakhand), गुजरात के द्वारका (Dwarka in Gujarat), ओडिशा के पुरी (Puri in Odisha) और कर्नाटक के श्रृंगेरी (Sringeri in Karnataka) में स्थित चार प्रमुख मंदिरों के प्रमुख हैं जिन्हें ‘पीठ’ (Peeths) कहा जाता है.
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू धार्मिक गुरु भव्य समारोह में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह सनातन धर्म के नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण पूरा हुए बिना भगवान राम की मूर्ति स्थापित करना हिंदू धर्म के खिलाफ है. उन्होंने कहा, ”इतनी जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं थी.”
अधूरे मंदिर का उद्घाटन करना एक बुरा विचार
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोर देकर कहा कि राम मंदिर के निर्माण और फिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ या अभिषेक समारोह को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय है. उन्होंने कहा कि अधूरे मंदिर का उद्घाटन करना एक बुरा विचार है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि फैसले के लिए उन्हें ‘मोदी विरोधी’ कहा जा सकता है लेकिन कोई भी धार्मिक गुरु किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “हम मोदी विरोधी नहीं हैं, लेकिन साथ ही हम अपने धर्म शास्त्र के खिलाफ भी नहीं जा सकते.”
पुरी गोवर्धनपीठ के शंकराचार्य भी नहीं जाएंगे
बता दें, इस सप्ताह की शुरुआत में पुरी गोवर्धनपीठ के शंकराचार्य (Shankaracharya of Puri Gowardhanpeeth) स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Swami Nishchalanand Saraswati) ने भी कहा था कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह शास्त्रों के खिलाफ है.
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में फिल्म और टेलीविजन की मशहूर हस्तियों, उद्योगपतियों, राजनीतिक नेताओं, खिलाड़ियों के साथ-साथ संतों, विद्वानों और विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया गया है.
जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य कार्यक्रम में भाषण देने के लिए तैयार हैं, वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय से प्रतीक्षित उद्घाटन की तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं.