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बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम में तन-मन-धन से लगे हैं ढाई सौ गांव के उत्साहित ग्रामीण

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बागेश्वर बाबा (Bageshwar Baba) 13 मई से 17 मई तक पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ के प्रांगण में हनुमत कथा और प्रवचन करेंगे. इसके लिए वहां जोर शोर से तैयारी चल रही है जिसमें तरेत पाली तथा आसपास के लगभग ढाई सौ गांव के ग्रामीण पूरे मन से इस काम में लगे हैं.

तन मन और धन से धीरेंद्र शास्त्री के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे यहां के ग्रामीण काफी उत्साहित हैं. उनका मानना है कि उनके मेहनत को देखकर धीरेन्द्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा भी काफी खुश हो जाएंगे.

कार्यक्रम स्थल तरेत पाली मठ, जो लगभग 400 साल पुराना है, के महंत सह पुजारी सुदर्शनाचार्य महाराज ने बताया कि संत की सेवा संत ही करना जानते हैं. धीरेंद्र शास्त्री प्रवचन स्थल पर जाने से पहले मठ में आएंगे और यहां सबसे पहले मठ में स्थापित श्री राम, जानकी, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमा का दर्शन करेंगे.

कांचीपुरम के वस्त्र प्रदान किए जाएंगे

महंत ने बताया कि इसके बाद बाबा को तमिलनाडु के कांचीपुरम से मंगाए गए वस्त्र (धोती, चादर और अंग वस्त्र) प्रदान किया जाएगा. वस्त्र के लिए कांचीपुरम प्रसिद्ध है और मठ में स्थापित भगवान के वस्त्र भी कांचीपुरम से आते हैं इसलिए धीरेंद्र शास्त्री महाराज के लिए भी वहीं से वस्त्र मंगाए गए हैं.

लंगर 24 घंटे रहेगा चालू

सुदर्शनाचार्य महाराज ने बताया कि मंदिर प्रांगण के बाहर लंगर चलेगा जो 12 मई से लगातार 24 घंटे चालू रहेगा. इसमें 10, 15 या 20 लाख लोग भी आएंगे तो कोई भूखे नहीं जाएगा. ग्रामीण रामेश्वर शर्मा ने कहा कि पूरे नौबतपुर प्रखंड के लगभग ढाई सौ गांव से दान आ रहा है. हर कोई कुछ न कुछ देना चाहता है. इसलिए हर गांव के एक-एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दे दी गई है कि वह अपने यहां के लोगों से अनाज या जो भी सामान वो देना चाहते हैं उसे इकट्ठा कर मठ तक पहुंचा दें. गांव में कोई चावल दे रहा है तो कोई दाल और गेहूं दे रहा है. किसानों और लोगों द्वारा दान दिया हुआ अनाज मठ तक पहुंचने भी लगा है. 11 मई तक सभी गांव से अनाज आ जाएंगे. 12 मई से अटूट लंगर शुरू होगा.

टिकट कैन्सल कर बने वालंटियर

इस कार्यक्रम को लेकर लोग इतने उत्साहित हैं कि वे अपने काम को छोड़कर बाबा बागेश्वर के प्रवचन के लिए वालंटियर बन गए हैं. तरेत के ही मनोज कुमार नामक एक युवा ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब में हैं और उन्हें ऑफिस के काम से 9 मई को बाहर जाना था. पर उन्होंने अपना टिकट कैन्सल करवा दिया है ताकि इस कार्यक्रम में अपना योगदान दे सकें.

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बताते चलें, इस कार्यक्रम में तरेत पाली के अलावा आसपास के गांव से लगभग एक हजार युवा वालंटियर के रूप में काम करेंगे. ये सभी 24 चलने वाले लंगर में खाने वाले श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था इत्यादि सारे कार्य देखेंगे. ये वालंटियर कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी चीज में कोई दिक्कत न हो, के लिए तैयार रहेंगे.

(इनपुट-न्यूज)