मैथिली के लिए जगदीश प्रसाद मंडल को साहित्य अकादमी पुरस्कार

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दरभंगा (TBN – The Bihar Now डेस्क)| साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 (Sahitya Akademi Awards 2021) की घोषणा कर दी गई है. बिहार वासियों, खासकर मिथिला वासियों के लिए एक अच्छी खबर है कि मैथिली के लिए यह पुरस्कार मधुबनी जिले (Madhubani District) के जगदीश प्रसाद मंडल (Jagdish Prasad Mandal) को दिए जाने की घोषणा की गई है.

मधुबनी जिले के बेरमा गांव के रहने वाले जगदीश प्रसाद मंडल को उनके उपन्यास “पंगु” (Maithili Novel “Pangu”) के लिए दिए जाने की घोषणा की गई है. सोमवार को इसकी घोषणा साहित्य अकादेमी के सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव ने दिल्ली में की.

राव ने बताया कि निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए पुस्तक का चयन तीन सदस्यों वाली निर्णायक मंडल ने किया है. नियम के अनुसार, निर्णायकों के बहुमत के आधार पर पुरस्कार की घोषणा की गई है. इस तीन सदस्यों वाली निर्णायक मंडल में रामनारायण सिंह डॉ रूप नारायण चौधरी तथा डॉ बीके मिश्रा शामिल थे.

11 मार्च को दिल्ली में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह साहित्य उत्सव में मंडल को यह पुरस्कार दिया जाएगा. डॉ. राव ने बताया कि पुरस्कार के रूप में जगदीश प्रसाद मंडल को एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शाल और एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी.

जानिए साहित्य अकादमी के बारे में

बता दें, भारत की राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था, साहित्य अकादमी (Sahitya Akademi) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 12 मार्च 1954 में की गई थी. हालाँकि अकादमी की स्थापना भारत सरकार द्वारा की गई है, फिर भी यह एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्य करती है. संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत इस संस्था का पंजीकरण 7 जनवरी 1956 को किया गया था. इसके पहले अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे.

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साहित्य अकादमी साहित्यिक संवाद, प्रकाशन और उसका देशभर में प्रसार करने वाली केन्द्रीय संस्था है तथा सिर्फ़ यही ऐसी संस्था है, जो कि भारत की चौबीस भाषाओं, जिसमें अंग्रेजी भी सम्मिलित है, में साहित्यिक क्रिया-कलापों का पोषण करती है.

भारत के प्रमुख साहित्यिक संस्थान के रूप में, अकादमी पुरस्कार, फैलोशिप, अनुदान, प्रकाशन, साहित्यिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से मान्यता प्राप्त चौबीस भारतीय भाषाओं में निहित साहित्य को संरक्षित और बढ़ावा देती है. अकादमी भारतीय साहित्य को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ साहित्यिक आदान-प्रदान कार्यक्रम भी चलाता है.