ऑपरेशन के बाद 26 लोगों की गई आंखों की रोशनी, 6 की निकालनी पड़ सकती है आंख

मुजफ्फरपुर (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मुजफ्फरपुर में एक बड़ी घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप (stirred the health department in Muzaffarpur) मचा हुआ है. यहां एक ट्रस्ट द्वारा संचालित आई हॉस्पिटल में आंखों के ऑपरेशन के बाद लगभग 26 लोगों की आंखें (patients loose eyesight after operation in muzaffarpur eye hospital) चली गई हैं. डॉक्टरों के अनुसार, 6 मरीजों में गहरे संक्रमण के कारण उनकी आंखें निकालनी पड़ सकती हैं.
जानकारी के मुताबिक, बीते 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल (Muzaffarpur Eye Hospital) में 60 लोगों की मोतियाबिंद का मुफ्त ऑपरेशन (free cataract surgery) हुआ था. दूसरे दिन आंखों से पट्टी खुलने के बाद पीड़ितों ने बताया कि उन्हें ऑपरेशन वाली आंखों से दिखाई नहीं दे रहा था. उसके बाद से ही ये सभी पीड़ित उस अस्पताल के डॉक्टर के पास चक्कर काट रहे थे. जब इसकी शिकायत आज सोमवार को सिविल सर्जन के पास पहुंची, तब मामला सार्वजनिक हुआ है.
मामले का पता कहने के बाद मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा (Muzaffarpur Civil Surgeon Dr Vinay Kumar Sharma) ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है. डॉ शर्मा ने बताया कि आई हॉस्पिटल में 60 मरीजों की आंखों का ऑपरेशन हुआ था. इनमें से 26 मरीजों ने अपनी आंखों में परेशानी आने की शिकायत की.
उन्होंने बताया कि आधा दर्जन मरीजों को एसकेएमसीएच में रेफर (Referred to SKMCH) कराकर इलाज कराया जा रहा है. कई मरीजों का पटना में इलाज चल रहा है जबकि आई हॉस्पिटल में भी अभी कई मरीज इलाज करवा रहे हैं.
ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का पता नहीं
सबसे आश्चर्य की बात है कि जिस डॉक्टर का नाम ऑपरेशन पर्ची पर लिखा हुआ है, उन्होंने 2015 में ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल छोड़ दिया था. दरअसल, मरीजों के पर्चे पर किसी का नाम काटकर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का नाम एनडीएस लिखा हुआ है.
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सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया कि एनडीएस का मतलब डॉ.एनडी साहू है और उन्होंने ही सभी मरीजों का ऑपरेशन किया है. इस बावत जब डॉ.एनडी साहू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे 2015 में मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल छोड़ चुके हैं. उनके अनुसार, उन्होंने न ही वहां किसी का ऑपरेशन किया है और न ही उस अस्पताल से उनका कोई संबंध है.
परिजनों में आक्रोश, मांग रहे मुआवजा
इस घटना के बाद पीड़ित मरीजों के परिजन काफी आक्रोशित हैं. इन सबने सिविल सर्जन से मिल कर मुआवजा दिलाने दिलाने की मांग की है . साथ ही, मामले को लेकर आक्रोशित परिजनों ने सिविल सर्जन कार्यालय में हंगामा किया और लिखित शिकायत भी दी है.
लिखित शिकायत में परिजन राममूर्ति सिंह, कौशल्या देवी, पन्ना देवी, सावित्री देवी व प्रेमा देवी आदि परिजनों ने कहा कि 22 नवंबर को परिजनों की मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद आंखों में दर्द व परेशानी बढ़ गई. कई मरीजों को आंख निकालने तक का सुझाव दे दिया गया. इसका विरोध करने वाले मरीजों व परिजनों को अस्पताल से भगा दिया गया. वहीं अस्पताल से नहीं जाने वालों पर भागने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. परिजनों ने सीएस से आंखों की इलाज व मुआवजा दिलाने की बात कही है.
इस घटना के बारे में बताते हुए हॉस्पिटल के सचिव दिलीप जालान ने कहा कि 22 नवंबर को 60 लोगों की आंखों के ऑपरेशन के बाद पांच-छह मरीजों की ऑपरेशन वाली आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आया है. यह संख्या घट-बढ़ सकती है. जालान ने बताया कि इस संबंध में अस्पताल स्तर से जांच कराई जा रही है. ऑपरेशन के बाद संक्रमण से रोशनी जाने की बात सामने आ रही है.
6 की निकालनी पड़ सकती है आंख
अस्पताल के सचिव दिलीप जालान ने स्वीकार किया है कि संक्रमण गहरा होने के कारण 6 लोगों की ऑपरेशन वाली आंख निकालनी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि बेहतर इलाज के लिए पीड़ित पटना गए थे लेकिन गहरे संक्रमण के कारण कई लौटकर आ गए.