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किशोर दा की याद में ‘गाता रहे मेरा दिल’ ने बांधा समां

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बुधवार को ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी – Global Kayastha Conference) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से महान पार्श्वगायक हर दिल अजीज, किशोर कुमार की जयंती के अवसर पर संगीमय कार्यक्रम ‘गाता रहे मेरा दिल’ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कलाकारों ने एक से एक बढ़कर गीत गाकर समां बांध दिया.

इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा की किशोर कुमार को भारतीय सिनेमा जगत में सर्वाधिक लोकप्रिय पार्श्वगायकों के तौर पर जाना जाता है. किशोर कुमार की आवाज में जादू था.

राजीव ने कहा कि किशोर दा के जीवन को कुछ शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है. उनकी आवाज ने संगीत की सीमाएं तोड़ी, अल्फाजों से दर्शन और सुर को जोड़ा, अपने संगीत को हर दिल में बसा दिया. किसी भी गाने को अपनी आवाज देकर किशोर कुमार उसे यादगार बना देते थे.

उन्होंने कहा कि गायकी की दुनिया में परचम लहराने वाले किशोर कुमार भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी सबके दिलों में जिंदा हैं. उनकी मधुर आवाज उनके प्रशंसकों के दिल को मंत्रमुग्ध कर देती है.

किशोर कुमार की कला और साधना को नमन करते हुए राजीव रंजन ने कहा कि किशोर कुमार, मुकेश चंद्र माथुर, लता मंगेश्कर, आशा भोंसले, हेमंत कुमार, मोहम्मद रफी मन्ना डे आदि जैसे कलाकार सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं. अपने सदाबहार गीतों की वजह से किशोर कुमार ने लगातार चार दशक तक श्रोताओं के दिल पर राज किया.

इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने कहा कि किशोर कुमार बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे. किशोर कुमार महान पार्श्व गायक, अभिनेता, गीतकार, संगीतकार और निर्देशक थे. गायन के साथ साथ उनमें जबरदस्त अभिनय शैली थी. किशोर कुमार को भारतीय संगीत उद्योग के सबसे सफल और प्रसिद्ध गायकों में से एक माना जाता है.

उन्होंने कहा कि सुरों के बादशाह रहे किशोर कुमार की आवाज आज भी दिल को छू लेते हैं. किशोर कुमार के गीत कानों में पड़ते ही व्‍यक्ति खुद-ब खुद गाने को मजबूर हो जाता है. किशोर कुमार के योडेल्लिंग अंदाज़ में गाये सारे गीत आज भी ताजे हैं.

इस कार्यक्रम के अवसर पर जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेम कुमार ने कहा कि भारतीय सिनेमा जगत का एक ऐसा स्तम्भ किशोर कुमार जो आज भी संगीत प्रेमियों के दिल पर अमिट छाप बनाये है. जिनकी सुरीली अद्वितीय आवाज हर रोज हमें दीवाना करती है. मिजाज मनमौजी, अंदाज मस्ताना और सुर के शहंशाह किशोर कुमार में हमें गायक, संगीतकार, अभिनेता,निर्माता, जैसे रूप हमें देखने को मिले.

प्रेम ने कहा कि संगीत की बिना तालीम हासिल किए जिस तरह से किशोर दा ने फिल्म संगीत जगत में अपना स्थान बनाया वह तारीफ के काबिल है. अपनी मधुर आवाज में गाए गीतों के जरिए किशोर कुमार आज भी हमारे आसपास मौजूद हैं. पुरानी के साथ-साथ नई पीढ़ी भी उनकी आवाज की दीवानी है.

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कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के उपाध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा ने कहा फ़िल्म जगत किशोर के नाम से छाया रहा चाहे अभिनय हो, संगीत बनाना हो या गाना गाना और या फ़िर फिल्मो का निर्देशन, लगभग फिल्मी कला के हर क्षेत्र में किशोर ने सफल प्रयोग किए.

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत किशोर दा की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित करके की गयी. इसके बाद केक काटकर किशोर कुमार का जन्मदिन का जश्न मनाया गया. जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के संरक्षक विनय कुमार सिन्हा ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम का आगाज किया. कार्यक्रम का संचालन जीकेसी बिहार कला- संस्कृति प्रकोष्ठ की कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमती संपन्नता वरूण ने किया.

इस संगीतमय कार्यक्रम में दिवाकर कुमार वर्मा, कुमार संभव, कुंदन तिवारी, रत्ना गांगुली, डा. नम्रता आनंद, संपन्नता वरूण, मेघाश्री अंजू, श्रेया भारती, प्रेम कुमार, प्रवीण बादल, सुबोध नंदन सिन्हा, यतीश सिन्हा, सुभाषिणी स्वरूप और आयुष सिन्हा ने किशोर कुमार के सदाबहार गीतों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजली अपिर्त की. कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया.