बच्चों में वाइरल इन्फेक्शन, एनएमसीएच में बेड पड़े कम
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्य में लोग मौसमी बुखार यानि मौसम में परिवर्तन के कारण बुखार की चपेट में आ रहे हैं. खासकर बच्चे सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रसित हो रहे हैं. ज्यादातर बच्चों में वाइरल इन्फेक्शन के कारण ऐसा देखने को मिल रहा है. ऐसी स्थिति में राजधानी के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में वाइरल बुखार से ग्रस्त हो बच्चे आ रहे हैं. मरीज बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा है कि इस अस्पताल की व्यवस्था ही चरमरा गई है.
एनएमसीएच (NMCH) में बच्चों की बढ़ती संख्या के कारण बेड की कमी हो गई है. यहां कुल 84 बेड हैं जिनमें बच्चा वार्ड, नीकु, पीकू और जेनरल वार्ड शामिल हैं. ये सभी बेड फूल हैं. स्थिति ऐसी है कि यहां 87 बच्चे भर्ती हैं यानि कुल बेड से भी ज्यादा.
बेड से ज्यादा मरीज बच्चे होने से कई बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है. बच्चों के परिजन परेशान हैं तथा उनका कहना है कि एक बेड पर दो-दो बच्चों को रखने से उनमें अन्य बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है. ऐसी परिस्थिति को देखते हुए यह समझा जा सकता है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आई तो एनएमसीएच में बीमार बच्चों का इलाज कैसे हो पाएगा.
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इस मामले पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद सिंह का कहना है कि एनएमसीएच सभी बीमारियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने कहा कि बेड से ज्यादा मरीज बच्चे आने के कारण बेड की कमी हुई है.
उन्होंने कहा कि इन मरीज बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह मौसमी वाइरल बुखार है जिसमें बच्चों में निमोनिया, बुखार, खांसी, सर्दी होता है और ये सब इंफ्लुएंजा के लक्षण है.
बताते चलें कि एनएमसीएच में बच्चों के अलावा अन्य मरीजों के लिए 761 बेड हैं जबकि अभी यहां भी 836 मरीज भर्ती हैं अर्थात कुल बेड से ज्यादा मरीज. ऐसी परिस्थिति में यहां भी एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखने की नौबत आ गई है.