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उपराष्ट्रपति ने युवाओं से व्यावसायिक नैतिकता पर कभी समझौता न करने का किया आह्वान

बोधगया (TBN – The Bihar Now डेस्क)| उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने युवाओं को प्रलोभनों और अनैतिक शॉर्टकटों के आगे झुकने के प्रति आगाह किया है. वे रविवार को आईआईएम, बोधगया (IIM, Bodhgaya) के छठे दीक्षांत समारोह (6th Convocation) को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने युवाओं से कहा कि “नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकता; नैतिकता से समझौता करने से आप वैसा विजेता नहीं बन सकते, जिसे दुनिया सलाम करेगी.”

‘स्वदेशी’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को राष्ट्रीय आदत बनाने का आह्वान

भारत की आर्थिक प्रगति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था (global economy) के लिए आशा की नई किरण बन कर उभरा है. उन्होंने देश की समृद्धि और संप्रभुता के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को रेखांकित किया.

उपराष्ट्रपति ने नागरिकों से ‘स्वदेशी’ (Swadeshi) और ‘वोकल फॉर लोकल’ (Vocal for Local) को राष्ट्रीय आदत बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व बैंक और IMF जैसी संस्थाएं, जो कभी हमें सलाह देती थीं, वो आज भारत के वित्तीय समावेशीकरण (financial inclusion) और डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (digital public infrastructure) जैसी उपलब्धियों की सराहना करती हैं.

भारत विदेशी निवेश का पसंदीदा केंद्र बना

उन्होंने कहा कि कभी जिस विदेशी मुद्रा (foreign currency) के लिए भारत को अपना सोना विदेशी बैंकों में गिरवी रखना पड़ा था, आज हमारे पास विदेशी मुद्रा का रिकॉर्ड भंडार है. इस कारण आज भारत विदेशी निवेश (foreign investment) का पसंदीदा केंद्र बन गया है.

उन्होंने आईआईएम के छात्रों से कहा कि आज भारत आशाओं से भरा देश है. जब वे आईआईएम परिसर को छोड़ नए वृहत्तर जीवन में प्रवेश करेंगे तब बढ़ते भारत के बढ़ते अवसर उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति अब रुकने वाली नहीं क्योंकि मेधावी युवा छात्रों की प्रतिभा और आकांक्षा उसे रुकने नहीं देगी. उपराष्ट्रपति ने कहा कि विगत दस वर्षों के आर्थिक विकास ने युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराए हैं. उन्होंने कहा, “आप सौभाग्यशाली है कि आप भारत@2047 की प्रगति यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं.”

बदलती टेक्नोलॉजी चुनौती भी और नया अवसर भी

उपराष्ट्रपति ने युवा छात्रों को तेजी से बदलते विश्व में तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के कारण आने वाली चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अवसर में बदलने का आह्वाहन किया. उन्होंने कहा कि सरकार क्वांटम कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित हाइड्रोजन जैसी नई टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग की दिशा में कार्य कर रही है. उन्होंने कहा भविष्य में इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नए अवसर पैदा होंगे.

उपराष्ट्रपति ने युवा छात्रों से अपने रुचि के क्षेत्र में अपने लिए नए अवसर तलाशने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार को भ्रष्ट सत्ता के दलालों के प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है. क्षणिक लाभ के लिए लिया गया शार्ट कट, लंबे समय तक कानून की गिरफ्त में डाल सकता है.

राष्ट्र को रखें सर्वोपरि, आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाएं

युवा स्नातकों को रुचि के क्षेत्र में इनोवेशन और उद्यमिता के लिए प्रेरित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी इनोवेटिव विचार को सीमित न करें बल्कि उसे लागू करें. इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने भारत में बढ़ रहे Start Ups तथा UniCorns का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों से अपने विचारों को आजादी से अभिव्यक्त करने का आग्रह किया. उपराष्ट्रपति ने युवा स्नातकों से राष्ट्र को प्रथम और सर्वोपरि रखने का आह्वान किया.

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar), नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, आईआईएम बोधगया के निदेशक मंडल के अध्यक्ष उदय कोटक, संस्थान की निदेशक विनीता सहाय सहित अनेक गणमान्य अतिथि, विद्यार्थी, उनके शिक्षक और अभिभावक उपस्थित रहे.

(इनपुट-विज्ञप्ति)