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इस साल कई प्रोजेक्ट होंगे पूरे, राजधानी पटना को मिलेगी एक नई पहचान

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| इस साल मई-जून तक राजधानी के अंदर परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायत चल रही है. इससे राजधानी पटना को एक नई पहचान मिलेगी और पटनावासी गौरवान्वित महसूस करेंगे. इस कवायत में कई प्रोजेक्टों पर काम तेजी से चल रहा है.

पहला प्रोजेक्ट, पटना के बेली रोड पर पिछले छह साल से निर्माणाधीन लोहिया पथ चक्र (Lohia Path Chakra) के पहले फेज का काम पूरा हो गया है. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Chief Minister) के द्वारा इसी साल किया जाएगा. जबकि समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) के नाम पर बन रहे इस पथ के दूसरे फेज का काम जल्द शुरू होने वाला है.

दरअसल में, मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project of Nitish Kumar CM Bihar), लोहिया पथ चक्र के पहले फेज का निर्माण लगभग पूरा है और अब इसके उद्घाटन का इंतजार हो रहा है. हालांकि आवागमन के लिए इसके कुछ सड़कों को खोल दिया गया है. विश्व के आधुनिक शहरों का आभास करने वाला लोहिया पथ चक्र में कई तरह की खूबियां हैं. इसमें एक साथ कई रास्ते और अंडरपास बनाए गए हैं. केबल स्टे ब्रिज (Cable Stay Bridge) से होकर सर्कुलर रोड में सभी वाहन जाएंगे.

दूसरा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पटना में गंगा ड्राइव वे (Ganga Drive Way in Patna) है, जिसे राजधानी पटना का मरीन ड्राइव (Patna’s Marine Drive) भी कहा जा रहा है, जिसका पहला फेज इसी साल शुरू हो जाएगा. दीघा से दीदारगंज तक बनने वाले गंगा पथ वे पर काम तेजी से चल रहा है. मई-जून तक इसका पहला चरण पूरा हो जाएगा.

वहीं, दीदारगंज से दीघा तक 20 किलोमीटर से अधिक लंबाई में गंगा पथ वे का निर्माण होना है. इसे अटल पथ के साथ एलसीटी घाट, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट, पीएमसीएच, कृष्णा घाट, गायघाट, कंगना घाट और पटना घाट से जोड़ना है. इसके निर्माण से अशोक राजपथ पर लोड कम पड़ेगा. पहले चरण में एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक जून तक आवागमन शुरू हो जाएगा. इसे पीएमसीएच से भी जोड़ने पर तेजी से काम हो रहा है.

वहीं तीसरा प्रोजेक्ट बिहार की लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu) है, उसका पूर्वी लेन भी इस साल पूरा हो जाएगा. उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के अब दूसरे लेन का काम भी पूरा होने वाला है. पश्चिमी लेन का उद्घाटन 2020 में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. पश्चिमी लेन का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और 3 साल पूरा होने में लग गए. जबकि पूर्वी लेन का निर्माण 2021 में शुरू हुआ है और इस साल मई-जून तक तैयार कर लेने का लक्ष्य है.

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सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण में दो हजार करोड़ की राशि खर्च हो रही है. महात्मा गांधी सेतु की लंबाई 5.5 किलोमीटर है. इसमें 47 पाए हैं और पुराने सुपर स्ट्रक्चर को बदल कर नया स्टील सुपर स्ट्रक्चर लगाया जा रहा है. सड़क निर्माण विभाग के अनुसार दोनों लेन के निर्माण में 66000 टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है. बिहार में अपने तरह का यह पहला पुल होगा.

इस बारे में बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि हम लोग हर महीने समीक्षा कर रहे हैं. अभी समीक्षा में जून में इसे पूरा करना है लेकिन मई में हम लोगों ने लक्ष्य दिया है इसे पूरा करने का. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि अगले साल जून में महात्मा गांधी सेतु लोगों को समर्पित कर देंगे.

“हम लोग हर महीने रिव्यू करते हैं, उसको लेकर हम लोग आश्वस्त हैं कि जो हम लोग जून का कहा था. उससे पहले ही मई में काम पूरा हो जाएगा. हमलोगों ने टारगेट दिया है, उनको स्पष्ट कहा है कि वो हर दो महीने का प्लान ऑफ एक्शन बताएं. हमें उम्मीद है कि जून में महात्मा गांधी सेतु लोगों को समर्पित कर देंगे”- नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

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वहीं, विशेषज्ञ विद्यार्थी विकास का कहना है कि बड़े प्रोजेक्ट के पूरा होने से खासकर राजधानी के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ट्रैफिक बड़ी समस्या रही है. वे कहते हैं कि गंगा ड्राइव वे या मरीन ड्राइव लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बनेगा. इन प्रोजेक्ट के पूरे होने से राजधानी के लोगों के लिए काफी सहूलियत होगी.

“नि:संदेह अगर गंगा ड्राइव वे शुरू होता है और साथ ही लोहिया पथ से आवागमन चालू हो जाता है तो पटना में जो जाम की समस्या होती है, उसमें कमी देखने को मिलेगी. पीएमसीएच जाने के लिए अगर मरीन ड्राइव बनती है तो लोगों की जान भी बचेगी, लोग समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे पाएगे”- डॉ. विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट

(इनपुट-ईटीवी)