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सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवा लेगी सरकार, बीएड उतीर्ण छात्र संघर्ष समिति ने किया विरोध

पटना (TBN रिपोर्ट) | राज्य सरकार द्वारा रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेने की कवायत से बीएड पास अभ्यर्थियों पशोपेश में पड़ गए हैं. शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को बीएड उतीर्ण छात्र संघर्ष समिति ने गलत बताया है.

दरअसल शिक्षा विभाग ने सरकारी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक स्कूलों में हाईस्कूल व प्लसटू कक्षाओं में शिक्षण की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए अब सेवानिवृत्त शिक्षकों का सहारा लेने का निर्णय लिया है. विभाग ने रिटायर माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों की सेवा लेने का निर्णय लिया है जिस पर सरकार की भी सैद्धांतिक सहमति मिल गयी है. विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव पर जल्द ही पहले वित्त विभाग और उसके बाद राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जाएगी.

सरकार की उच्च प्राथमिकता में शामिल सभी 3305 पंचायतों में 9वीं की पढ़ाई की शुरुआत पहली बार होनी है. ऐसे तो 9वीं की पढ़ाई के लिए एक स्कूल में कम से कम छह शिक्षक गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिन्दी, अंग्रेजी व द्वितीय भाषा के शिक्षक चाहिए. लेकिन विभाग ने इन 3305 नवसृजित व उत्क्रमित स्कूलों के लिए कम से कम पांच शिक्षकों की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. इस स्थिति में नौवीं की पढ़ाई के लिए ही करीब 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. बताया जाता है कि इस नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग को मंत्रिमंडल से हरी झंडी भी मिल चुकी है.

सरकार के इसी निर्णय पर बीएड उतीर्ण छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. दीपांकर ने कहा कि जनवरी माह में 36 हजार से अधिक रिक्तियों के विरुद्ध शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) आयोजित परीक्षा का रिजल्ट अभी लंबित है. एसटीईटी के रिजल्ट के बाद लाखों बीएड कर चुके छात्र बिहार के हाईस्कूलों में शिक्षक बनने योग्य हो जाएंगे. उस परिस्थिति में रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेना कही से उचित नही है.

एसटीईटी के अभ्यर्थी हैं निराश

शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव से अपने रिजल्ट की प्रतीक्षा में या पास किये एसटीईटी के अभ्यर्थी असमंजस में हैं. बीएड कर चुके एक छात्र के अनुसार जब एसटीईटी पास छात्र उपलब्ध है, तो ऐसे में रिटायर्ड शिक्षकों की सेवा लेना उनके रोजगार के अवसर को समाप्त करने जैसा है.
इधर बीएड उतीर्ण छात्र संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग जल्द इस प्रस्ताव को वापस ले अन्यथा बीएड पास छात्र आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे.