20 जुलाई सोमवती अमावस्या को करें ये उपाय और बनें खुशहाल
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | सोमवती अमावस्या अर्थात सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या. भगवान शिव के प्रिय चन्द्र देव को सोमवार का दिन समर्पित होता है. भगवान शिव ने खुद ही चंद्र देव को अपने शीश पर स्थान दिया है. अध्यात्म में चन्द्रमा को मन का कारक माना गया है. अमावस्या अर्थात बिना चन्द्रमा की रोशनी वाली अन्धेरी रात में मन से संबंधित समस्त दोषों के हल के लिए उत्तम दिन माना गया है. तंत्र शास्त्र का मत है कि अमावस्या के दिन किए गए जाप, दान, पूजा अर्चना और उपाय बहुत प्रभावशाली होते हैं जिसका फल जातक को शीघ्र मिल जाता है.
कहा जाता है कि अमावस्या के समय जब तक सूर्य और चन्द्र एक राशि में रहते हैं, तब तक कोई भी सांसारिक काम करना मना होता है. इन सांसारिक कामों में कसी चलाना, दांती, गंडासी, लुनाई, जोताई, हल चलाना आदि आते हैं. इस दिन सिर्फ श्रीहरि विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए. इतना ही नहीं, शास्त्रों में अमावस्या के व्रत का फल भी बहुत ही ऊंचा बतलाया है.
अतः सोमवती अमावस्या के दिन का काफी महत्व है. इस दिन किये गए कुछ विशेष कार्यों / उपायों से लोग अपने जीवन की परेशानियों से निजात पाकर खुशी खुशी रह सहते हैं.
सोमवती अमावस्या के पावन अवसर पर जिन जातकों को पितृदोष है उनके लिए आसान एवं सरल उपाय –
- बरगद के पेड़ को कच्चा दूध चढ़ाएं एक घी का दीपक जलाएं और पित्र दोष की शांति हेतु प्रार्थना करें निश्चित राहत मिलेगी.
- पीने के पानी के पात्र मटके के पास एक घी का दीपक लगाएं इससे भी पितृ दोष में शांति मिलेगी.
- आज के दिन किया गया श्राद्ध तर्पण और ब्राह्मण भोजन से पितरों को भी सद्गति मिलती है और पितृदोष की शांति भी होती है.
- अतः आज तर्पण अवश्य करें.
- आज के दिन गौ सेवा करने से भी पितृदोष में शांति मिलती है.
- जिन जातकों को शनि राहु केतु की महादशा चल रही हो वह लोग भी उपरोक्त उपाय कर सकते हैं.
सामान्य जन भी यह उपाय कर सकते हैं इससे पितरों का आशीर्वाद एवं कृपा प्राप्त होगी.
इसके साथ ही पद, पैसा और प्रतिष्ठा पाने के लिए आज के दिन यह चमत्कारी उपाय करें :
शास्त्रों में पीपल के पेड़ को ‘अश्वत्थ’ कहा गया है तथा इसे श्रीहरि विष्णु का रूप भी माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार पिप्पलाद मुनि ने पीपल के वृक्ष के नीचे तपस्या करके शनि देव को प्रसन्न किया था. उसी समय से इस पेड़ का नाम पीपल पड़ गया.
शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से पति की उम्र लम्बी होती है और उन पर आने वाले कष्ट टल जाते हैं. इसकी पूजा से कोर्ट कचहरी और मुकदमें में विजय प्राप्त होने के साथ धन से संबंधित परेशानियों से राहत मिलती है. साथ ही व्यावसायिक परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है. इसके लिए सोमवती अमावस्या के दिन नीचे लिखा एक उपाय अवश्य करना चाहिए –
इस उपाय में सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का एक दीया जलाकर ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ का मंत्र 108 बार जाप करें. ध्यान रहे कि यह मंत्र पेड़ के नीचे ही बैठ कर करना है. इस उपाय से ऊपर लिखी सभी समस्याओं का अंत हो जाएगा.
“वेदों में लिखा है – “दर्षपौर्णमास्यायां यजेत्” यानि अमावस्या और पूर्णमासी को निश्चित ही यज्ञ करना चाहिए.
मनोकामना सिद्धि के लिए सोमवती अमावस्या को ये उपाय करने चाहिए –
1) शत्रु विनाश के लिए :- सोमवती अमावस्या के दिन एक नीबू लेकर उस पर सूई से अपने शत्रु का नाम लिख लें. फिर शिवजी के किसी एक मंत्र (ॐ नम: शिवाय: या महामृत्युंजय मंत्र ) का जाप करते हुए उस नीबू को अपने सिर पर से नौ बार घुमाइए. उसके बाद उस नीबू को दक्षिण दिशा मे फेंक दे या फिर किसी एकांत स्थान पर उस नीबू को जला दे. शत्रु आप से दूर हो जायेगा.
2) धन लाभ के लिए :- इस दिन पीपल के वृक्ष की 11 या 51 परिक्रमा कर पूजा करे. परिक्रमा करने के बाद उस पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर लक्ष्मी स्वरूप मानकर 4 गौमती चक्रों की पूजा करे. फिर उन गौमती चक्रों को तिजोरी मे रखे आपको धनलाभ होगा.
3) रोग मुक्ती के लिए :- इस दिन शिवजी का दूध से अभिषेक कर भगवान शिव से अपने रोगों की मुक्ती के लिए प्रार्थना करने से समस्त रोगों से मुक्ति मिल जाती है.
4) कर्जे से मुक्ती के लिए :- सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमानजी के किसी भी मंत्र की एक माला पढ़ने, 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ घी का दीपक जलाकर पढ़ने एवं हनुमानजी से अपने कर्जो की मुक्ति के लिए प्रार्थना करने से ऋण से मुक्ति मिल जाती है.
किवंदती है की सोमवती अमावस्या सभी समस्याओं का समाधान करती है. तो लीजिए 20 जुलाई 2020 सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या है कीजिए यह सरल एवं छोटा सा उपाय और पाइए सारी समस्याओं से मुक्ति…
शेषशायी भगवान विष्णु का एक चित्र लेवे उसके सम्मुख एक घी का दीपक जलाएं धूप लगाकर गुड और घी का नैवेद्य बताएं और श्रीमद् भागवत गीता के बारहवें अध्याय का 11 बार पाठ करें इस उपाय को करने से नवग्रह की सभी समस्याएं आर्थिक मानसिक या किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो दूर होती है. इसे पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से करें और फिर इस उपाय का चमत्कार देखें.