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सोमवार 8 अप्रैल को लगेगा सूर्य ग्रहण, भारत में क्या होगा इसका प्रभाव

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सोमवार 8 अप्रैल को चैत्र अमावस्या पर पूर्ण सूर्य ग्रहण या खग्रास सूर्य ग्रहण (khagras solar eclipse) लगने वाला है. इस खगोलीय घटना को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस साल का यह पहला सूर्य ग्रहण होगा.

इस बार लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण अमेरिका, मैक्सिको, कनाडा और उत्तरी अमेरिका के ज्यादातर देशों में देखने को मिलेगा. जबकि आसमान में होने वाली ये दुर्लभ खगोलीय घटना भारत में दिखाई नहीं देगी. यह ग्रहण भारत के अलावे पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान, फिजी, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई देशों से दिखाई नहीं देगा. साथ ही यह ग्रहण दक्षिण अटलान्टिक महासागर, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अधिकांश यूरोप महाद्वीप के देशों से भी दिखाई नहीं देगा.

सोमवार 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण पटना के समयानुसार शाम 9 बजकर 12 मिनट 15 सेकंड पर शुरू होगा, जो 9 अप्रैल की सुबह 2 बजकर 22 मिनट 19 सेकंड पर खत्म होगा. इस तरह सूर्य ग्रहण की अवधि 05 घंटे 10 मिनट होगी. बता दें, 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 22 जुलाई, 2009 को देखने को मिला था, जब ये 6 मिनट 39 सेकंड तक चला था.

वैसे तो सूर्य ग्रहण हो या चंद्रग्रहण, दोनों एक आम खगोलीय घटना होती है. लेकिन ज्योतिष के अनुसार, इसका प्रभाव आम व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. इस बार का सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य की दृष्टि पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है.

भारत में इसका सूतक काल

इस बार का खग्रास सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. अर्थात इस ग्रहण का देश दुनिया पर भौतिक प्रभाव, आध्यात्मिक प्रभाव, सूतक का प्रभाव या किसी प्रकार का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी. शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है.

सूर्य ग्रहण के दौरान अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको के एक हिस्से में दिन के दौरान आसमान में अंधेरा छा जाएगा, जब कुछ समय के लिए चंद्रमा सूर्य के चेहरे को ढंक लेगा. खगोलविदों के अनुसार, इस तरह की खगोलीय घटना कम से कम अगले 20 सालों तक ऐसा नहीं होने जा रही है.

इस बार का पूर्ण सूर्य ग्रहण बाकी सूर्य ग्रहण से बिल्कुल अलग होगा. इस दौरान अंतरिक्ष में कई अन्य घटनाओं को देखने का मौका मिलेगा, जिसमें सौर मंडल के कुछ दूसरे ग्रह और धूमकेतुओं का नजर आना भी शामिल है.

अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 12 अगस्त, 2026 को लगने वाला है, जो एशिया, अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में देखने को मिलेगा. भारत में भी इस घटना को देखा जा सकेगा.

सूर्य ग्रहण देखने के समय काफी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि सूरज को बिना किसी चश्मा लगाए देखना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए एक खास चश्मे के जरिए ही इस घटना को देखा जा सकता है.

इस बार सूर्य ग्रहण को भारत में अलग-अलग लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकेगा. नासा की ऑफिशियल वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर भी सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें

श्मशान जैसे किसी सुनसान जगह पर अकेले नहीं जाना चाहिए. क्योंकि ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए.
सूई में धागा नहीं लगाना चाहिए.
इसके अलावा ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए.
इस दौरान शारीरिक संबंध भी बनाना वर्जित होता है.

सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें

सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें.
पूरे घर और देवी देवताओं को शुद्ध करें.
ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए.
ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें.
साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें.
ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करें.