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केके पाठक के आदेश पर आरजेडी ने लगाई सरकार से गुहार

पटना (The Bihar Now डेस्क)| नीतीश सरकार में उच्च पद पर आसीन आईएएस अधिकारी केके पाठक इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं. इस बार वे बेतिया राज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के मिशन में जुटे हैं. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि इस जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया जाएगा. पाठक के इस फैसले को लेकर बिहार विधान परिषद में आरजेडी के सदस्य ने सरकार से इस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है.

गौरतलब है, बेतिया राज की अरबों रुपये की कीमत वाली जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर केके पाठक ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस भूमि को जल्द से जल्द खाली कराया जाएगा और इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है.

बिहार विधानसभा पहले ही इस जमीन के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है. अब, इस जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए केके पाठक ने बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है. उन्होंने 36 घंटे के भीतर कार्रवाई करने की बात कही थी, जिसके बाद यह मुद्दा बिहार विधान परिषद में उठाया गया.

आरजेडी नेता की आपत्ति – सरकार को देना चाहिए समय

आरजेडी के विधान पार्षद सौरभ कुमार ने इस मामले में सरकार से दखल देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि केके पाठक के आदेश को तुरंत रोका जाना चाहिए, क्योंकि यह मामला हजारों गरीबों से जुड़ा है.

सौरभ कुमार का कहना है कि वे खुद बेतिया राज की जमीन के अधिग्रहण के समर्थन में थे, लेकिन अचानक 36 घंटे के भीतर 70 सालों से बसे लोगों को हटाने का आदेश देना अन्यायपूर्ण है. उन्होंने इसे संवेदनशील मामला बताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में गरीबों को एक झटके में बेघर नहीं किया जा सकता.

बेतिया राज की जमीन अब सरकार के अधीन

गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल से प्रस्ताव पारित होने के बाद बेतिया राज की 15,358 एकड़ जमीन अब राजस्व परिषद के नियंत्रण में आ गई है. केके पाठक का कहना है कि इस जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया जाएगा और यह अभियान जल्द ही शुरू होगा.

केके पाठक का आदेश

इससे पहले, बेतिया पहुंचने के बाद केके पाठक ने कई अहम आदेश जारी किए. उन्होंने बताया कि जिस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा, उसकी अनुमानित कीमत लगभग 8,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने सबसे पहले 110 एकड़ में फैले प्रसिद्ध हजारी पशु मेले की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया है. सरकार इस भूमि का उपयोग मेडिकल इंडस्ट्री विकसित करने के लिए करेगी.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी आदेश दिया कि जमीन पर होने वाले विकास कार्य के दौरान किसी भी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अभी भी बेतिया राज की 6,505 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है, जिसे जल्द हटाने की योजना बनाई जा रही है.