टिड्डी दल के सम्भावित प्रकोप की रोकथाम हेतु रहें सतर्क – मंत्री

पटना (TBN डेस्क) | कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा है कि वह खुद बिहार के सीमावर्ती जिलों में टिड्डियों के पहुँचने का मोनिट्रिंग कर रहे हैं. इसके लिए वे कृषि विभाग के पौधा संरक्षण संभाग के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक बिहार में टिड्डियों के आक्रमण से किसी क्षेत्र से अब तक फसल नुकसान की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है.
मंत्री ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी, पश्चिमी चम्पारण द्वारा सूचना दी गयी है कि आज वहाँ के मधुबनी एवं ठकराहा प्रखंड से टिड्डियों का दल करीब 01ः30 बजे अपराह्न में उत्तर प्रदेश के तमकुही रोड की तरफ जाते हुए देखा गया है. पश्चिमी चम्पारण के जिला कृषि पदाधिकारी तथा सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण सहित अन्य पदाधिकारियों/कर्मचारियों के संयुक्त दल द्वारा आवश्यक संसाधनों के साथ मधुबनी एवं ठकराहा प्रखंड में टिड्डियों मारने और उसे भगाने की कार्रवाई की गयी.
उन्होंने कहा कि प्राप्त सूचना के अनुसार पश्चिमी चम्पारण जिला के बगहा-1 प्रखंड के चैतरवाँ तथा नौतन प्रखंड के नदी किनारे के विषम्भरपुर एवं धूमनगर पंचायतों से भी टिड्डी का एक छोटे समूह के आकाश में उड़ने की सूचना प्राप्त हुई है, जहाँ क्षेत्रीय पदाधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा उसे भगाने एवं मारने के लिए आवश्यक कदम उठाये गए हैं.
डॉ प्रेम ने बताया कि भोजपुर जिला के जिला कृषि पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार सहार एवं आगिआँव प्रखंड में भी टिड्डियों का एक समूह देखा गया है, जो पूरब दिशा की ओर उड़ते हुए अरवल जिला की तरफ जाने की सूचना है. उन्होंने कहा कि अरवल जिला को भी आज की तिथि में हाई एलर्ट पर रखा गया है. प्राप्त सूचना के अनुसार टिड्डी के आक्रमण के कारण किसी जिला से फसल क्षति की सूचना प्राप्त नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि विभाग के कर्मियों ने पंचायत स्तर पर किसानों को टिड्डी दल के प्रकोप होने पर सभी को इकठ्ठा होकर ढोल-नगारों, टीन के डिब्बों, थालियों आदि बजाने तथा शोर मचाने का प्रशिक्षण दिया गया है जिससे टिड्डी दल उनके आस-पास के खेतों पर आक्रमण नहीं कर सके. टिड्डी दलों से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में कृषि रक्षा रसायनों, स्प्रेयर्स एवं टैक्टर्स वगैरह इंतजाम कर लिया गया है.
मंत्री के अनुसार किसानों में टिड्डी दलों से बचने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया है और मौक ड्रील के द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया गया है. टिड्डी दल जहां शरण ले सकते हैं, वैसी जगहों को भी चिह्नित किया जा रहा है. टैक्टर माउण्टेड स्प्रेयर्स, अग्निशमन विभाग की गाड़ियों एवं मानव संसाधन की उपलब्धि संबंधी सूची तैयार की गई है.
उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के आक्रमण के व्यक्त अग्निशमन विभाग का कार्य महत्वपूर्ण हो जाता है जिसके लिए स्टैण्डवाई में अग्निशमन विभाग की गाड़ियाँ, टैक्टर माउण्टेड स्प्रेयर्स एवं अन्य विभागीय गाड़ियों की व्यवस्था जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित की गई है. जिलों में प्रचुर मात्रा में कीटनाशक दवाओं को सुरक्षित रख लिया गया है. आवश्यकतानुसार, इसका छिड़काव भी किया जा रहा है. टिड्डी दल के सम्भावित आक्रमण को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्रों के कृषि वैज्ञानिकों एवं भारत सरकार के एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र के विशेषज्ञों से भी सहयोग लिया जा रहा है.
डॉ कुमार ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निदेश दिया कि टिड्डी दल के सम्भावित प्रकोप के रोकथाम हेतु सतर्क रहें तथा सतत् अपने क्षेत्र का भ्रमण करते हुए किसानों के सम्पर्क में रहें. उन्होंने किसानों से अपील किया कि कही भी टिड्डी दल के प्रकोप की नजर आये तो इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन एवं नजदीकी कृषि विभाग के कर्मियों को तुरन्त दे, ताकि समय रहते उसको नियंत्रित किया जा सके.