पीएम के राहत पैकेज से भारत होगा आत्मनिर्भर – प्रेम कुमार

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लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाने से लघु उद्योग होगा मजबूत
कच्चे माल की मांग बढने से गाँवों और किसानों को होगा फायदा
वैश्विक स्तर पर भारत के लिए कई नये मौकों को कर सकता है पैदा

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पटना (TBN रिपोर्ट) | कोरोना संकट के कारण जहाँ विश्व के तमाम देश अभी भी उथल-पुथल के शिकार हैं वहीं भारत में अपेक्षाकृत स्थिति काबू में है – ऐसा कहना है बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार का. उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी के समय पर लिए गये सही निर्णयों की वजह से संभव हुआ है. प्रेम कुमार ने इस दूरदर्शी एवं ऐतिहासिक पहल के लिए प्रधानमंत्री का आभार तथा धन्यवाद व्यक्त किया.

कृषि मंत्री प्रेम कुमार पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख के आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज घोषित किये गये वित्तीय पैकेज की सराहना कर रहे थे.

पीएम नरेंद्र मोदी के कदमों की सराहना करते हुए प्रेम कुमार ने कहा कि उनकी सजगता आर्थिक मोर्चे पर भी दिख रही है. इसी कड़ी में पीएम द्वारा 20 लाख करोड का यह महत्वपूर्ण पैकेज उनकी दूरदर्शिता दिखलाती है.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी (COVID-19 pandemic) के कारण विश्वभर में आर्थिक गतिविधियाँ रुकी हुई हैं. यह स्थिति आगे चलकर भीषण रूप धारण कर सकती है. ऐसे में प्रधानमंत्री के द्वारा 20 लाख करोड़ के साथ भारत सरकार द्वारा उद्योग धंधो को दिया गया यह बूस्ट भारत को ऐसी स्थिति से निपटने के साथ-साथ, वैश्विक स्तर पर भी कई नये मौकों को पैदा कर सकता है.

गौरतलब है कि इस पैकेज में लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाने पर जोर दिया गया है और लोकल ब्रांड्स को स्थापित होने का मौका मिले इसके लिए उद्योग-धंधो को जबर्दस्त रियायत दी गयी है. छोटे उद्योग धंधों को 3 लाख करोड तक का कोलेट्रल फ्री लोन देने का ऐलान किया गया है.

100 करोड तक के टर्नओवर वाले डैडम् को 25 करोड तक ऋण देने की घोषणा की गयी है. लघु, मध्यम, सूक्ष्म तथा कुटीर एवं गृह उद्योगों को बिना गिरवी के लोन मिलेगा. संकट में फंसे एमएसएमई को 20 हजार करोड़ रुपये की राहत दी गयी.

प्रेम कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार के इन कदमों से साफ है कि सरकार का मकसद घरेलू उद्योग धंधों को और सशक्त बनाना है, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ और करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है. इन रियायतों से उत्पादन बढेगा, जिससे कच्चे माल की मांग बढेगी और सीधे तौर पर गाँव और किसानों को फायदा मिलेगा.

उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस फैसले से गांव गांव में उद्योगों का जाल बिछेगा और भारत की श्रम शक्ति का सही उपयोग हो सकेगा. इस फैसले से भारत का निर्यात भी बढेगा और बाजार में पूंजी का प्रवाह भी. बिहार जैसे विकासशील राज्य के लिए तो यह रियायतें वरदान के समान है, जो उसे अन्य विकसित राज्यों के समकक्ष खडे होने में सहायक साबित होगा.

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित यह आर्थिक पैकेज, संकट की इस घड़ी में भारत में एक नया आत्म विश्वास पैदा करेगा. एक उर्जावान, समर्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा यह पैकेज.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस घोषणा से देश की 130 करोड जनता में एक नया जोश, विश्वास और भरोसे का भाव जगा है.