पटना High Court ने ठुकराया 70th BPSC Exam रद्द करने की मांग
पटना (The Bihar Now डेस्क)| पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने शुक्रवार को 70वीं बीपीएससी परीक्षा (70th BPSC PT Exam) को रद्द करने की मांग करने वाली सभी याचिकाओं को ठुकरा (rejected petitions seeking cancellation of 70th BPSC PT exam) दिया. इस फैसले से उन तमाम उम्मीदवारों को गहरा धक्का लगा है, जो इस परीक्षा को दोबारा आयोजित करवाने की उम्मीद लगाए बैठे थे.
यह परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को हुई थी, जिसमें करीब चार लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. कोर्ट के इस निर्णय से बिहार सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को बड़ी राहत मिली है. कुछ उम्मीदवारों का कहना था कि परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थीं, इसलिए इसे दोबारा कराया जाए. लेकिन कोर्ट ने उनकी इस मांग को स्वीकार नहीं किया.
छात्रों के लिए निराशाजनक
जस्टिस आशुतोष कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने पप्पू कुमार और अन्य लोगों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. जनहित याचिका सहित सभी याचिकाओं पर विचार करने के बाद कोर्ट ने पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था, लेकिन अब इन्हें खारिज कर दिया गया. यह खबर उन छात्रों के लिए निराशाजनक है, जो लंबे समय से परीक्षा रद्द करने और नए सिरे से आयोजन की मांग कर रहे थे.
70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को राज्य भर के 912 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें चार लाख से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे. याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में दावा किया था कि कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक होने की घटना सामने आई थी. हालांकि, बीपीएससी ने सिर्फ पटना के एक केंद्र की परीक्षा को रद्द किया था.
बापू सभागार केंद्र की परीक्षा हुई थी दुबारा
पटना के बापू सभागार केंद्र की परीक्षा को 4 जनवरी 2025 को दोबारा करवाया गया. इस परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों को 6 अतिरिक्त अंक दिए गए, क्योंकि प्रश्नपत्र में तीन सवाल गलत थे, दो सवाल पहले की परीक्षा से दोहराए गए थे, और एक अन्य सवाल में भी खामी थी.
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याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा कि 4 जनवरी को हुई परीक्षा के उम्मीदवारों को ये अतिरिक्त अंक मिलने से बाकी उम्मीदवारों के साथ नाइंसाफी होगी.
कई बड़े नेताओं का मिला था समर्थन
इस परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे. छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया, जिसके दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कई छात्र घायल हो गए. कुछ कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की गई थी. इस आंदोलन को कई बड़े नेताओं का समर्थन मिला था. कांग्रेस के राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और जनसुराज के प्रशांत किशोर जैसे नेताओं ने गर्दनीबाग में धरना देकर छात्रों का साथ दिया था.
पटना हाई कोर्ट के इस फैसले से उन उम्मीदवारों का मनोबल टूटा है, जो परीक्षा रद्द होने की आस लगाए हुए थे. हालांकि, याचिका दायर करने वाले लोगों के पास अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का रास्ता अभी बचा हुआ है.