पटना हाईकोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पर रोक लगाने से किया इनकार, अब समय पर होगी परीक्षा
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) द्वारा अगस्त महीने में ली जाने वाली एक लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती परीक्षा (teacher recruitment exam) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके बाद अब यह साफ हो गया कि उक्त परीक्षा नियत समय पर ही होगी.
मंगलवार को सुबोध कुमार तथा अन्य की ओर से इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई. पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन (Chief Justice K Vinod Chandran) और न्यायाधीश न्यायमूर्ति पार्थ सारथी (Justice Partha Sarathi) की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई की.
बिहार सरकार द्वारा बनाये गये नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में किसी भी तरह का स्थगन आदेश देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को फिर की जायेगी.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता ने खंडपीठ को बताया कि नई नियमावली पूरी तरह कानून सम्मत है. यह शिक्षकों के हित में भी है इसलिए इसमें कोर्ट को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है.
इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दी गई दलील को स्वीकार कर लिया तथा इस मामले में किसी भी तरह का स्थगन आदेश देने से इंकार कर दिया. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को की जायेगी.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने राज्य में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली करने के लिए 2023 में एक नया नियमावली बनाया है. इसके पहले याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया प्रारंभ की है, जो समानता के सिद्धांत के विपरीत है. इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया जाय.
कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने जो नयी नियमावली बनायी है उसके अंतर्गत वर्ष 2006 से 2023 तक बहाल शिक्षकों को इस प्रक्रिया में शामिल होना होगा. नयी नियमावली के अंतर्गत जो शिक्षक बहाल होंगे उन्हे सरकारी सेवक का दर्जा मिलेगा. जो शिक्षक 2006 से कार्यरत है उन्हें सरकारी सेवक होने का लाभ नहीं मिलेगा.
(इनपुट-न्यूज)