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हड़ताली शिक्षकों को भी दिया जाएगा वेतन

पटना (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट) :- कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के ऐसे मुश्किल दौर में राज्य के नियोजित शिक्षकों और नियमित शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है. बिहार सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए राज्य के नियोजित शिक्षकों और नियमित शिक्षकों के वेतन के भुगतान का निर्देश जारी किया है. ज्ञात हो बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक समान काम, समान वेतन के साथ सात सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल ख़त्म न करने की जिद पर अड़े हुए शिक्षकों के सामने अब भूखमरी जैसी समस्या आ गयी है. लेकिन अब भी हड़ताली शिक्षक पुराने शिक्षकों की तरह वेतनमान की मांग कर रहे हैं.

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने राज्य के नियोजित शिक्षकों और नियमित शिक्षकों के वेतन के भुगतान का निर्देश  करते हुए कहा कि “हड़ताल में शामिल हुए शिक्षकों को केवल जनवरी महीने का वेतन भुगतान किया जायेगा”. इसके साथ ही उन्होंने परीक्षा पुस्तकों का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को लेकर कहा कि “मूल्यांकन का कार्य करने वाले शिक्षकों को दो माह का वेतन जारी किया जाएगा”.

अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि “कक्षा एक से 12वीं तक के सभी नियमित और नियोजित शिक्षकों को जनवरी का वेतन भुगतान का निर्देश जारी कर दिया है. तथा फरवरी का वेतन उन्हीं शिक्षकों को मिलेगा जो हड़ताल में शामिल नहीं थे. साथ ही वे वार्षिक इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण व मूल्यांकन कार्य में शामिल हुए हैं. निर्देश के अनुपालन की जिम्मेवारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दी गई है. अनुपालन की जानकारी विभाग के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) एवं निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) को 31 मार्च तक ई-मेल आइडी से उपलब्ध करा देनी है”. 

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों से पटना के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने  एक बार फिर हड़ताल तोडऩे की अपील करते हुए कहा है कि “शिक्षक अपने काम पर लौट आएं हठधर्मिता किसी समस्या का समाधान नहीं है”.

हड़ताली शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ” अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दें तो हड़ताल तोडऩे को तैयार हैं”. वहीँ बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा एवं प्रवक्ता मनोज कुमार ने कहा है कि  “शिक्षक अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे, जिससे कोरोना पीडि़तों की मदद की  जा सके”.

बता दें बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों ने 31 मार्च को उपवास करने की घोषणा की है ताकि सरकार अपनी हठधर्मिता दूर कर सके.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षकों की मांग को गैरकानूनी ठहराते हुए कहा था कि “आप 4 लाख हो जबकि बिहार की आबादी 12 करोड़ है. हमारी जितनी हैसियत है, उतना हम बढ़ाते रहेंगे, लेकिन शिक्षकों की यह मांग जायज नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम किसी का बुरा नहीं करेंगे. हम शिक्षकों के पक्ष में है. हमने 1500 से उनके वेतनमान को बढ़ाकर कहां से कहां पहुंचा दिया. हमारी सहानुभूति है, लेकिन शिक्षक छात्र-छात्रओं का अहित करेंगे, तो लोगों की सहानुभूति नहीं मिलेगी. ये गैरकानूनी काम है”.