बाबा चौहरमल मेले में कोई पार्टी सरकारी मंच का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी : एसडीएम
बाढ़ (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| गुरुवार को बाढ़ अनुमंडल सभागार में अधिकारियों एवं स्थानीय कमिटियों के प्रतिनिधियों की एक बैठक का आयोजन किया गया. इसमें घोसवरी, मोकामा के चाराडीह में लगने वाले तीन-दिवसीय बाबा चौहरमल मेले (Baba Chauharmal Mela at Charadih, Ghosvari, Mokama) की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई. बता दें, पिछले साल इस मेले में जबरदस्त राजनीतिक उपद्रव हुआ था.
इस बैठक में प्रशासन की ओर से मुख्य रूप से बाढ़ अनुमंडल के एसडीएम कुंदन कुमार, एएसपी अरविंद प्रताप सिंह एवं डीसीएलआर, बीडीओ, सीओ, कई थानों के थानाध्यक्ष शामिल हुए. बैठक में सबों ने आपस में विचार-विमर्श किया ताकि इस वर्ष इस मेले को सुरक्षित और बेहतर तरीके से मनाया जा सके. इस बैठक में मुख्य रूप से यह निर्णय लिया गया कि मेले के मौके का जो राजनीतिकरण किया जाता रहा है, उसे इस बार नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए किसी भी राजनीतिक पार्टी को सरकारी मंच का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा.
इस बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को एसडीओ कुंदन कुमार ने इस मेले में पिछले साल हुए हंगामे के मद्देनजर प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने मीडिया संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष का मेला कोरोना काल के बाद का पहला मेला था. उस मेले के आयोजन के समय प्रशासन की तरफ से स्थानीय समितियों को कुछ ज्यादा ही तहजीब दे दिया गया था.
स्थानीय समितियों में गुटबाजी
उन्होंने बताया कि स्थानीय समितियां चार-पांच विभागों में विभक्त होती हैं जो आपस में गुटबाजी करती रहती हैं. इस गुटबाजी के कारण पिछले साल बाबा चौहरमल मेले में गड़बड़ी और हंगामा देखने को मिला. ये घटनाएं प्रशासन के लिए शर्मनाक थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल जैसी घटना की पुनरावृति इस साल न हो, इसके लिए बैठक में डिस्कशन किया गया.
सारी व्यवस्थाएं पूरी
उन्होंने बताया कि आगामी 6 अप्रैल पूर्णिमा के दिन दोपहर 2 बजे बाबा चौहरमल मेले का मुख्य कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा. इससे पहले यहाँ पर सरकार की तरफ से लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं जैसे पेयजल, बिजली, शौचालय, सीसीटीवी, छाया, सुरक्षा आदि की व्यवस्था का आकलन करके पटना के डीएम को अवगत करा दिया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई की इस बार पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर स्थिति में इस मेले का आयोजन किया जाएगा.
किसी भी प्रकार का मंच नहीं बनेगा
बाढ़ अनुमंडल के एसडीएम, जो इस मेले के आयोजन समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं, ने कहा कि यह मेला एक राजकीय महोत्सव होता है जिसके पूरे खर्च का वहन राज्य सरकार करती है. इसलिए इस बार कार्यक्रम के उद्घाटन का सत्र सरकार का होगा. इसके अतिरिक्त मेले में किसी भी प्रकार का मंच नहीं बनेगा. यहाँ कल्चरल मंच भी सरकार की अनुमति के बिना नहीं बनेगा.
इस अवसर पर एएसपी अरविंद प्रताप सिंह ने बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों से कहा कि मेले के दौरान श्रद्धा का वातावरण बनाए रखना है. उन्होंने अपील की कि किसी भी राजनीतिक गुटबाजी से अपने आप को दूर रखे. साथ ही मेले के अवसर को किसी भी शुद्ध स्वार्थ के लिए उपयोग नहीं होने दें.
बता दें, मोकामा के घोसवरी के चाराडीह में बाबा चौहरमल का विहार है जहां प्रत्येक साल चैत्र पूर्णिमा को करीब एक हफ्ते का विशाल मेला लगता है. वैसे मेले का आयोजन मुख्य रूप से दो दिन का ही होता है लेकिन लोग इसे एक हफ्ते तक खींच लेते हैं. इस मेले में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों सहित आसपास के राज्यों से 10 लाख से ज्यादा लोग आते हैं.
क्या हुआ था पिछले वर्ष
पिछले साल कोरोना कल के बाद आयोजित पहले चौहरमल मेला में रालोजपा सुप्रीमो सह केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) का जमकर विरोध हुआ था. मेला में उपस्थित लोगों ने उन्हें काला झंडा दिखाया तथा मंच पर चढ़ने नहीं दिया था. मौके पर अराजकता जैसी हालात हो गई थी जिस कारण पशुपति पारस को वापस लौटना पड़ा था.
दरअसल जिस मंच से पशुपति पारस को भाषण देना था उस मंच पर पहले चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भाषण देकर एक अलग तरह का माहौल पैदा कर दिया था. चिराग पासवान के मंच से उतरने के कुछ ही देर बाद पशुपति पारस अपने अमले के साथ सभा स्थल पर पहुंचे थे.
पशुपति पारस को देखते जी वहां उपस्थित दर्शक आक्रोशित हो गए और पारस के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ काला झंडा दिखाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने पारस के वाहन पर हमला बोल दिया, जिसमें एक पुलिस वाले ने एक व्यक्ति को थप्पड़ चला दी थी. इसके बाद भीड़ आक्रोशित होकर पुलिस वाले को खदेड़कर पीटना शुरू कर दिया.
कुछ लोग हमला करने के फिराक में थे तभी किसी तरह से पुलिस प्रशासन ने आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री को सभा स्थल से बाहर निकालते हुए वापस भेज दिया. हर तरफ भीड़ में रामविलास पासवान और चिराग पासवान का बोलबाला देखा गया था.