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New Income Tax Bill 2025: वित्त मंत्री ने लोकसभा में किया पेश

नई दिल्ली (The Bihar Now डेस्क)| गुरुवार को केंद्र सरकार ने नया आयकर विधेयक 2025 (New Income Tax Bill, 2025) संसद (Parliament) में पेश किया. इस विधेयक का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना, परिभाषाओं को आधुनिक बनाना और कर संबंधी नियमों को स्पष्ट करना है.

यह विधेयक वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा लोकसभा (Lok Sabha) में पेश किया गया और इसका उद्देश्य 1961 के मौजूदा आयकर अधिनियम (Income Tax Act, 1961) को बदलकर नया कर ढांचा लाना है. इसमें आम नागरिकों, व्यवसायों और गैर-लाभकारी संगठनों (Non-Profit Organizations) सहित सभी करदाताओं (Taxpayers) को प्रभावित करने वाले बदलाव किए गए हैं.

वित्त मंत्री ने विधेयक पेश करने के बाद लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि इस पर विचार करने के लिए एक स्थायी समिति के लिए सदस्यों को नामित किया जाए.

नए विधेयक में प्रमुख बदलाव:

1. सरल भाषा और नई परिभाषाएँ:

  • पुराने और जटिल शब्दों को हटाकर नए और आधुनिक शब्दों को शामिल किया गया है.
  • उदाहरण के लिए, “वित्तीय वर्ष” और “असेसमेंट ईयर” के स्थान पर “टैक्स ईयर” शब्द लाया गया है.
  • “वर्चुअल डिजिटल एसेट” और “इलेक्ट्रॉनिक मोड” जैसी नई परिभाषाएँ जोड़ी गई हैं, जिससे डिजिटल लेनदेन और क्रिप्टोकरेंसी को सही कर व्यवस्था में शामिल किया जा सके.

2. कुल आय की परिभाषा में स्पष्टता:

  • पुराने कानून (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 5 और 9) के अनुसार, भारतीय निवासियों पर उनकी वैश्विक आय पर कर लगाया जाता था, जबकि गैर-निवासियों को केवल भारत में अर्जित आय पर कर देना पड़ता था.
  • नए विधेयक (धारा 5 और 9) में इस नियम को बरकरार रखा गया है लेकिन “माने हुए आय” (Deemed Income) की स्पष्ट परिभाषा दी गई है, जिससे विदेशी निवासियों के लिए कर नियम अधिक पारदर्शी हो जाएँ.

3. कटौतियों और छूट में बदलाव:

  • पहले, आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10 और 80C से 80U के तहत निवेश, दान और कुछ विशेष खर्चों पर कर में छूट दी जाती थी.
  • नया विधेयक (धारा 11 से 154) इन सभी छूटों को समेकित करता है और स्टार्टअप्स, डिजिटल बिजनेस और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई छूट जोड़ता है.

4. पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) में सुधार:

  • पुराने कानून (धारा 45 से 55A) में पूंजीगत लाभ को दीर्घकालिक (Long-term) और अल्पकालिक (Short-term) श्रेणियों में बांटा गया था और प्रतिभूतियों (Securities) पर विशेष कर दरें लागू थीं.
  • नया विधेयक (धारा 67 से 91) इस श्रेणीकरण को बनाए रखता है लेकिन इसमें वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (जैसे क्रिप्टोकरेंसी) को भी शामिल कर उचित कर नियम लागू करता है.

5. गैर-लाभकारी संगठनों (NGO) के लिए नए नियम:

  • पुराने कानून (धारा 11 से 13) के तहत कुछ परोपकारी कार्यों के लिए कर छूट दी जाती थी, लेकिन अनुपालन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं थे.
  • नया विधेयक (धारा 332 से 355) गैर-लाभकारी संगठनों के लिए कर नियमों को स्पष्ट करता है, कर योग्य आय की परिभाषा तय करता है और व्यापारिक गतिविधियों पर सख्त नियम लागू करता है.

बताते चलें, नया आयकर विधेयक 2025 कर प्रणाली को सरल बनाने, डिजिटल और स्टार्टअप निवेश को बढ़ावा देने और व्यापार एवं गैर-लाभकारी संगठनों के लिए कर नीति में अधिक स्पष्टता लाने का प्रयास करता है. सरकार का मानना है कि इन बदलावों से कर अनुपालन (Tax Compliance) आसान होगा और सभी करदाताओं के लिए एक न्यायसंगत कर प्रणाली सुनिश्चित की जा सकेगी.