छठ की तैयारी: मंत्री और आयुक्त ने किया पटना की घाटों का निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| श्रद्धा ,भक्ति एवं आस्था का महापर्व छठ (Chhath Mahaparva) को लेकर प्रशासन की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. कहीं कोई कमी न रह जाये इसके लिए सरकार के मंत्री और अधिकारी तत्परता से लगे हुए हैं. एक तरफ जहां मंत्री नितिन नवीन (Nitin Nabin, Minister for Road Construction Bihar) घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल (Sanjay Kumar Agrawal) भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं.
इसी कड़ी में सोमवार को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने राजधानी में गंगा नदी (Ganga River Front) के किनारे स्थित घाटों का सघन निरीक्षण किया. उनके साथ पटना नगर निगम के आयुक्त व अन्य अधिकारी मौजूद थे. उन्होंने वहां उपस्थित पदाधिकारियों को सुरक्षा और सफाई को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
नितिन नवीन ने गांधी घाट से शुरू कर आधा दर्जनों घाटों की सुरक्षा, बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, महिलाओं के लिए चेंजिंग इनक्लोजर और पहुंच पथ आदि की व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को सारी सुविधाओं को फूलप्रूफ बनाने के निर्देश दिए.
आवश्यकता पड़ने पर गंगा में उचित जगह पर घाटों पर करेंगे व्यवस्था
पथ निर्माण मंत्री ने पटना के सभी घाटों को सुरक्षित बनाने और सुविधा देने हेतु अधिकारियों शीट स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श किया. उन्होंने विभिन्न घाटों पर स्थानीय लोगों के विचारों को भी सुना. नवीन ने बताया की घाटों पर अत्यधिक भीड़ नहीं हो इसलिए यदि गंगा में जहां संभव होगा, छठ व्रतियों के लिए विशेष रूप से घाट बनाया जायेगा.
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उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ सही रहा तो पीपा पुल के माध्यम से गंगा नदी के उस पार भी व्रत करने की व्यवस्था की जायेगी.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी कोई भी ठोस कदम उठाना उचित नहीं लगता है क्योंकि गंगा का पानी लगातार तेजी से कम हो रहा है. इसी कारण एक सप्ताह में गंगा नदी में जल स्तर को देखते हुए आगे की योजना बनायी जायेगी. हालांकि मंत्री ने लोगों से यह भी अपील की कि यदि संभव हो तो कोरोना और भीड़ को देखते हुए लोगों को अपने घर पर ही छठ व्रत करना उचित होगा.
पटना के आयुक्त ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
दूसरी ओर, पटना के आयुक्त पटना संजय कुमार अग्रवाल ने भी उच्चाधिकारियों की टीम के साथ दीघा घाट, जनार्दन घाट, पाटीपुल घाट, 93 घाट, कुर्जी घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रियट घाट सहित कई अन्य घाटों का निरीक्षण किया.
छठ पर्व के सफल एवं सुचारु रूप से आयोजन के लिए प्रमंडलीय आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने छठ व्रतियों एवं श्रद्धालु भक्तों के लिए घाटों पर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु घाटवार मजिस्ट्रेट की तैनाती कर ससमय तैयारी पूरा कराने का निर्देश दिया. साथ ही, घाटों तथा उसने मार्गों की साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए नगर आयुक्त को घाटवार टीम का गठन कर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया.
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आयुक्त ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए गृह विभाग द्वारा जारी विस्तृत दिशानिर्देश के अनुसार छठव्रत का आयोजन किया जाएगा. सभी घाटों पर छठ व्रतियों एवं श्रद्धालु भक्तों के लिए प्रकाश, पेयजल, अस्थायी शौचालय, चेंजिंग रूम, पीए सिस्टम आदि की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया.
उन्होंने तालाब में जल की गहराई को देखते हुए बैरिकेडिंग कराने का निर्देश दिया ताकि अर्घ्य देने तथा स्नान करने के दौरान कोई श्रद्धालु बैरिकेडिंग के पार नहीं जाए तथा डूबने की संभावना नहीं हो.
खतरनाक घाटों की सूची तैयार करने निर्देश
आयुक्त ने डीएम को सभी अनुमंडलों के खतरनाक घाटों को चिन्हित कर सूची तैयार करने का निर्देश दिया. खतरनाक घाटों पर श्रद्धालु भक्तों के आने-जाने पर रोक लगाने तथा अर्घ्य का प्रतिबंध लगाने को कहा. इसके लिए उन्होंने घाटों पर साइनेज लगाने का निर्देश दिया. साथ ही इस आशय के संबंध में आम लोगों को विभिन्न माध्यमों से प्रचारित करने एवं खतरनाक घाटों पर नहीं जाने तथा अर्घ्य नहीं देने संबंधी जानकारी देने को कहा.
घाटों पर मैजिस्ट्रेट के साथ पुलिस फोर्स की होगी तैनाती
आयुक्त ने डीएम, एसएसपी को निर्देश दिया कि वे अपने संयुक्त आदेश से घाटों पर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करें. साथ ही, घाटों पर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखने तथा प्रभावी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया.
उन्होंने ट्रैफिक एसपी को निर्देश दिया कि छठ व्रतियों के आवागमन को आसान बनाने के साथ वाहनों के सहज , सुगम, सुचारू परिचालन के लिए ट्रैफिक प्लान बनाया जाए और पार्किंग की व्यवस्था की जाए.
उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी संबंधित अधिकारी सक्रिय एवं तत्पर होकर अपने-अपने दायित्व का समय पर निष्पादन करें ताकि छठ व्रतियों और श्रद्धालु भक्तों को किसी भी तरह की असुविधा न हो.