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लीची से नहीं होता चमकी बुखार, यह सिर्फ एक अफवाह

leechee se nahin hota chamakee bukhaar, yah sirph ek aphavaah

पटना (TBN रिपोर्ट) | लीची खाने से चमकी बुखार बीमारी का कोई खतरा नहीं है – ऐसा कहना है बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार का. उन्होंने कहा कि यह बात बिल्कुल गलत और आधारहीन है.

दरअसल अभी तक उत्तर बिहार में फ़ाइल रहे चमकी बुखार पर फैले इस अफवाह कि लीची फल के खाने से बच्चों में चमकी बुखार फैलता है, पर वे बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले साल इस अफवाह के बाद वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से इसकी जाँच भी करायी गयी थी. जांच में यह अफवाह/बात बिल्कुल गलत साबित हुई थी.

मंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्वेद में लीची फल के पोषणीय एवं औषधीय गुणों का वर्णन किया गया है. देश में पिछले करीब 400 वर्षों से लीची के फलों को खाया जाता रहा है.

उन्होंने कहा कि लीची के फलों में बायोएक्टिव यौगिक, विटामिन ‘सी’, एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल्स, डाईएट्री फाईबर, विटामिन बी कम्पलेक्स और खनिज तत्व प्रचूर मात्रा में पाये जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है.

मंत्री ने आगे कहा कि लीची का फल स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्द्धक और पूर्णतः सुरक्षित है. राज्य के लीची उत्पादकों को परेशान करने के लिये असामाजिक लोगों के द्वारा यह मनगढ़ंत अफवाह फैलाया गया है. हम सबको इससे सावधान रहने की आवश्यकता है.

उन्होंने लीची उत्पादकों, बिक्रेताओं एवं उपभोक्ताओं से अपील किया कि लीची खाने से किसी बीमारी के होने के अफवाहों में न आयें तथा लीची के पौष्टिक गुणों और इसके स्वाद का आनन्द उठायें.