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कोरोना संक्रमण की चुनौती में इससे लड़कर साथ जीना सीखना होगा – मोदी

फाइल फ़ोटो

पटना (TBN डेस्क) | बुधवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुए कोरोना उन्मूलन जागरुकता कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज एवं नगर निकायों के जन प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की. इसमें उन्होंने कोविड-19 संक्रमण के चुनौती के बारे में बातें की.

इस बैठक में उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि समय पर लॉकडाउन लागू होने से अपने देश में अब तक सिर्फ 5,829 मौतें हुई हैं जबकि अमेरिका जैसे डिवेलप्ट देश में 1.07 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं.

मोदी ने जन प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया कि अपने देश के अन्य राज्यों के मुकाबले (महाराष्ट्र में 2,465 व गुजरात में 1,092) बिहार में सिर्फ 25 मौतें हुई हैं जो बिहार सरकार के प्रभावी पहलों से संभव हुआ है. राज्य में फिलहाल रिकवरी रेट करीब 48% है. लेकिन बाहर से लौटे श्रमिक क्वरंटाइन अवधि पूरा कर लौट रहे हैं तथा बाजार के खुलने एवं बसों के चलने से आने वाले दिनों में कोविड-19 संक्रमण को रोकना बड़ी चुनौती होगी.

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमें एचआईबी एड्स, टीबी, स्मॉल पॉक्स आदि की तरह कोरोना से डर कर नहीं बल्कि लड़ कर इसके साथ भी जीना सीखना होगा. पंचायतों की दिए गए 160 करोड़ की राशि के बारे में उन्होंने कहा कि इस राशि से सभी लोगों के बीच मास्क और साबुन वितरित करें क्योंकि इस वक्त कोरोना की दवा के अभाव में हम सावधानी बरत कर ही संक्रमण को रोक सकते हैं.

मोदी ने कहा कि लॉकडाउन लागू कर जहां कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोका गया है, वहीं अब मास्क पहन कर दोहरी सुरक्षा को अपनाने की जरूरत है. मास्क पहनने वाला जहां दूसरों को संक्रमित होने से बचाएगा वहीं खुद को भी सुरक्षित रखेगा. गमछी, रूमाल व तौलिया का भी इस्तेमाल करें. इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के मानकों शारीरिक दूरी, दो गज की सामाजिक दूरी, साबुन से बार-बार हाथ धोकर व सफाई आदि को अपना कर कोरोना के संक्रमण का मुकाबला किया जा सकता है.