कोरोना लॉकडाउन में भी ‘कर समाधान योजना’ में 30 वर्ष पुराने बकायों का हुआ निपटारा

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | 30 वर्ष से पुराने सैकड़ों मामले सहित 1,122.33 करोड़ के विवादित बकाए का समाधान ‘कर समाधान योजना’ के अंतर्गत किया गया है जिसमें 26,940 मामलों को अंतिम रूप से खत्म कर दिया गया है. इस बात की जानकारी मंगलवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दी.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत कुल देय बकाए 323 करोड़ रुपये के विरूद्ध व्यावसायियों द्वारा योजना के पूर्व 166.87 करोड़ रुपये तथा बाद में 160.03 करोड रुपये जमा कराए गए. पुराने कर विवादों के निपटारे के लिए 01 जुलाई, 2017 से पूरे देश में लागू जीएसटी पर कर पदाधिकारियों का घ्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से ‘कर समाधान योजना’ लाई गई थी.
मोदी ने बताया कि जीएसटी लागू होने के पूर्व से वैट और अन्य अधिनियमों के तहत चले आ रहे बकाए कर के विवादों के समाधान के लिए 15 जनवरी 2020 से तीन महीने के लिए ‘कर समाधान योजना’ लाई गई थी. इस योजना के अन्तर्गत व्यवसायियों को जुर्माने, सजा या ब्याज पर निर्धारित कर के मामले में 65 प्रतिशत तक की छूट दी गई थी.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना में यह प्रावधान किया गया था कि यदि किसी न्यायालय में कोई विवाद लम्बित होने के बावजूद भी व्यवसायी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना के प्रावधान के अनुसार बकाये के विरूद्ध व्यवसायी द्वारा पूर्व में कोई राशि जमा की गयी है तो उसे भी इस योजना के अधीन जमा की गयी राशि मान ली जाएगी.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आगे बताया कि कोरोना और इसके कारण हुए लॉकडाउन की कठिन चुनौतियों के बाद भी व्यावसायियों के सहयोग से सालों से चले आ रहे कर बकाए के हजारों विवादों को समाप्त करने में सरकार ने बड़ी सफलता पाई है.