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4 जुलाई पृथ्वी पर सबसे गर्म दिन था, आगे और अधिक गर्म दिनों की भविष्यवाणी

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| यूएस नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन (U.S. National Centers for Environmental Prediction) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार, 4 जुलाई, विश्व स्तर पर अब तक का सबसे गर्म दिन (Tuesday, July 4, was the hottest day ever recorded globally) दर्ज किया गया, जिसने लगातार दूसरे दिन विश्व तापमान रिकॉर्ड तोड़ दिया.

गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीईपी द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को दुनिया का औसत तापमान 17.18C (62.9F) तक पहुंच गया, जो सोमवार के रिकॉर्ड 17.01C से अधिक है.

गार्जियन के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत तक, आखिरी अल नीनो वैश्विक मौसम घटना के दौरान रिकॉर्ड पर सबसे गर्म दिन 2016 में था, जब वैश्विक औसत तापमान 16.92C तक पहुंच गया था.

संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर अल नीनो के फिर से उभरने की पुष्टि की. गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का अनुमान है कि मानवजनित वैश्विक तापन के कारण बढ़ी हुई गर्मी के साथ, इस घटना के परिणामस्वरूप अधिक रिकॉर्ड-तोड़ तापमान होने की संभावना है. साथ ही वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है की आने वालें दिनों में अल नीनो के वजह से गर्मी और बढ़ेगी. क्योंकि अल नीनो का गर्म चरण अब शुरू हो रहा है जो अगले दो से तीन सालों तक रहेगा

मीडिया के अनुसार, ग्रांथम इंस्टीट्यूट, इंपीरियल कॉलेज लंदन में जलवायु विज्ञान के व्याख्याता डॉ. पाउलो सेप्पी ने कहा, “अल नीनो अभी चरम पर नहीं है और उत्तरी गोलार्ध में गर्मी अभी भी पूरे जोरों पर है, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर आने वाले दिनों या हफ्तों में रिकॉर्ड फिर से टूट जाए.”

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बर्कले अर्थ के एक शोध वैज्ञानिक ज़ेके हॉसफादर ने अपने एक बयान में कहा, “दुर्भाग्य से, यह इस साल कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते उत्सर्जन के कारण बढ़ती गर्मी के नए रिकॉर्ड की श्रृंखला में पहला उदाहरण है. बढ़ती अल नीनो घटना के साथ ग्रीनहाउस गैसें तापमान को नई ऊंचाई पर ले जाती हैं.”

उच्च तापमान दुनिया भर के लोगों के लिए क्रूर परिस्थितियों में तब्दील हो जाता है. जब गर्मी बढ़ती है, तो मनुष्यों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है – विशेष रूप से युवा और बुजुर्ग लोग, जो सामान्य परिस्थितियों में भी गर्मी की चपेट में आते हैं.

वैज्ञानिकों ने इस साल की शुरुआत में ही एक अंतिम चेतावनी जारी की थी, जिसमें वैज्ञानिकों ने यह संकेत संकेत दिया गया था कि पृथ्वी की तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा वैज्ञानिकों ने यह भी बताया था की जल्द से जल्द कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए हमें काम शुरू कर देना चाहिए.