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जमीन सर्वे में भारी समस्या, सरकार के लिए रास्ता निकालना मुश्किल…

पटना (The Bihar Now डेस्क)|बिहार में ज़मीन के सर्वे का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन ज़मीन के खतियान और बंटवारे के दस्तावेज़ों को पढ़ने में काफी समस्याएँ आ रही हैं. असल में, 1980 से पहले के कुछ दस्तावेज़ कैथी लिपि में लिखे गए हैं. नये अमीन और कानूनगो को इन दस्तावेज़ों को पढ़ने में कठिनाई हो रही है. इस लिपि के बारे में जानकारी की कमी के कारण यह मुश्किल और बढ़ गई है. साथ ही, रैयतों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार ने कर्मियों को कैथी लिपि पढ़ने की ट्रेनिंग देने का फ़ैसला किया है.

बिहार में कई लोगों के पास जमीन के पुराने दस्तावेज हैं, जो कि कैथी लिपि में लिखे गए हैं. लेकिन, ज्यादातर लोग इस लिपि को पढ़ नहीं पाते हैं. इस वजह से जमीन सर्वे का काम रुक रहा है. रैयत लोग कैथी लिपि के अनुवाद के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं जबकि ट्रांसलेटर इस काम के लिए हजारों रुपए मांग रहे हैं.

पटना में तो ट्रांसलेटर 5 हजार रुपए से ज्यादा लेकर कैथी लिपि वाले दस्तावेजों का अनुवाद कर रहे हैं. अनुवाद होने के बाद, लोग इस दस्तावेज को अमीन के पास जमा करते हैं. लेकिन ये नहीं पता होता कि अनुवाद कितना सही है. ना तो अमीन को और ना ही रैयतों को इसकी जानकारी होती है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक भू-अभिलेख एवं परिमाप, जय सिंह ने अमीनों और कानूनगो को कैथी लिपि का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है.

कैथी लिपि का प्रशिक्षण बेतिया से शुरू हो रहा है. 17 से 19 सितंबर के बीच, बीएचयू के रिसर्च स्कॉलर प्रीतम कुमार और मो. वाकर अहमद अमीनों और कानूनगो को प्रशिक्षण देंगे. यह प्रशिक्षण पश्चिम चंपारण में मिथिला, मगध और भोजपुर क्षेत्रों की कैथी लिपि पर केंद्रित होगा. इसका उद्देश्य यह है कि स्थानीय बोली के अनुसार कैथी लिपि के शब्दों में परिवर्तन होता है. बताया गया है कि कर्मियों को तीन दिनों का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

कैथी की पढ़ाई सिर्फ भागलपुर यूनिवर्सिटी में

वर्तमान में, तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी बिहार राज्य का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जहां कैथी लिपि की पढ़ाई होती है. यहां कैथी लिपि का छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स चलाया जा रहा है, ताकि बच्चे पुराने दस्तावेजों को पढ़ सकें और लिख सकें. अब ज़मीन सर्वे से जुड़े सरकारी अमीन और कानूनगो भी कैथी लिपि का अध्ययन करेंगे, जिन्हें राज्य सरकार ट्रेनिंग दे रही है.